scriptराज्य के संस्कृत गांव मट्टूर के हर घर में एक आईटी इंजीनियर | Sanskrit in every house of the village, an IT engineer Mettur | Patrika News
बैंगलोर

राज्य के संस्कृत गांव मट्टूर के हर घर में एक आईटी इंजीनियर

एक ओर देश की एक फीसदी से कम आबादी का संस्कृत बोलना और दूसरी ओर गांव के सभी लोगों का संस्कृत

बैंगलोरAug 19, 2016 / 02:38 am

मुकेश शर्मा

bangalore

bangalore

बेंगलूरु।एक ओर देश की एक फीसदी से कम आबादी का संस्कृत बोलना और दूसरी ओर गांव के सभी लोगों का संस्कृत बोलने के अलावा हर घर में एक इंजीनियर होनाभले ही आश्चर्य लगे, लेकिन यह सौ फीसदी सच है। हम बात कर रहे हैं शिवमोग्गा जिले के मट्टूर गांव की। जिसे ‘संस्कृत गांवÓ के नाम भी जाना जाता है।

इस गांव के हर घर में एक आईटी इंजीनियर है। विशेषज्ञों की मानें तो संस्कृत सीखने से गणित और तर्कशास्त्र का ज्ञान बढ़ता है और दोनों विषय बड़ी आसानी से समझ आ जातेहैं। यही कारण है कि गांव का युवाओं का रुझाने धीरे-धीरे आईटी इंजीनियर की ओर हो गया और आज यहां घर-घर में इंजीनियर है।

जानकारों का मानना है कि जप और वेदों के ज्ञान से स्मरण शक्ति बढ़ती है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है। गांव के कई युवा एमबीबीएस या इंजीनियरिंग के लिए विदेश भी जाते हैं। यहां युवाओं का रुझान आईटी सेक्टर की ओर इस कदर है कि हर घर से एक आईटी इंजीनियर है। यहां के कई युवा इंजीनियर विदेशों में कार्यरतहैं। तुंगा नदी के किनारे बसे इस छोटे से गांव के लोग आम जीवन में संस्कृत का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इच्छुक व्यक्ति को संस्कृत सिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

इंजीनियर भी विद्यार्थियों की मदद को तत्पर रहते हैं। इंजीनियरों का कहना है कि जप से उन्हें पढ़ाई में मदद मिलती है। शहर कीएक आईटी कंपनी में कार्यरत इंजीनियर यदु ने बताया कि जप और वेदों के ज्ञान से गणित उनके लिए सरल हो जाती है। 10 वर्ष की आयु से गांव के बच्चे वेद सीखना शुरू कर देते हैं। यही कारण है कि यहां के हर परिवार में एक इंजीनियर है।
 एक अन्य इंजीनियर मधुकर ने बताया कि तकनीक के मामले में गांव के लोग किसी से पीछे नहीं हैं। गणित और आयुर्वेद में संस्कृत का अहमयोगदान है।

वैज्ञानिक समझ में भी संस्कृत की भूमिका अहम रही है। संस्कृत को हर पहलू से समझने की जरूरत है। संस्कृत की जानकारी से दूसरी भाषाएं विशेषकर कम्प्यूटर विज्ञान की भाषा सीखने में मदद मिलती है। वैदिक गणित का ज्ञान हो तो कैलकुलेटर की जरूरत नहीं पड़ती। आपको बता दें कि देश की एक फीसदी से कम आबादी संस्कृत बोलती है।


Hindi News/ Bangalore / राज्य के संस्कृत गांव मट्टूर के हर घर में एक आईटी इंजीनियर

ट्रेंडिंग वीडियो