केवल अनुभव के आधार पर नहीं कर पाएंगे सोनोग्राफी
अनुभव
मात्र के आधार पर सोनोग्राफी करने की इजाजत अब नहीं होगी। अब चिकित्सकों को
सोनोग्राफी से
बांसवाड़ा।अनुभव मात्र के आधार पर सोनोग्राफी करने की इजाजत अब नहीं होगी। अब चिकित्सकों को सोनोग्राफी से संबंधित डिप्लोमा या विशेष्ाज्ञता प्राप्त करनी होगी।
इसके लिए प्रदेश में 6 चिकित्सा महाविद्यलयों का चयन किया
गया है, जहां से चिकित्सक जनवरी 2017 तक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।
अप्रशिक्षित हाथों में
यह सही है कि प्रदेश में सोनोग्राफी केन्द्रों का संचालन अप्रशिक्षित हाथों में है। यह बात कुछ माह पूर्व न्यायालय में एक सुनवाई के दौरान सामने आई थी। राज्य में1700 पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड मशीनें हैं, लेकिन मात्र 350 व्यक्ति ही प्रशिक्षित हंै।
इसी तरह 1000 मशीनों का संचालन बिना योग्यताधारी लोगों के हाथों हो रहा है। इस पर यह आशंका भी व्यक्त की गई थी कि इसके चलते लिंग परीक्षण हो सकता है और भू्रण हत्याएं भी हो सकती हैं।
एमबीबीएस डिग्रीधारी चला रहे हैं मशीनें
जिले में महात्मा गांधी चिकित्सालय सहित 19 सोनोग्राफी केन्द्र संचालित हैं। इसमें से एक-दो को छोड़कर अन्य जगहों पर एमबीबीएस डिग्रीधारी ही इनका संचालन कर रहे हैं। नए नियमों के तहत अब इन चिकित्सकों को सोनोग्राफी में पीजी या गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक का 6 माह का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा।
पूर्व में जिनका सोनोग्राफी केन्द्र चल रहा है उन्हें भी प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। स्त्री रोग विशेष्ाज्ञ को किसी भी तरह का प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
सभी को सूचना दे दी है
जिन सोनोग्राफी संचालकों के पास विधि सम्मत योग्यता नहीं है उनको नए नियम की जानकारी दे दी है। उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण लेना होगा।
डॉ. एच एल ताबीयार, सीएमएचओ बांसवाड़ा