नैनवां। कस्बे में जैन मुनि
विश्रांतसागर के सान्निध्य में चल रहे पंचकल्याणक महोत्सव में बुधवार को केवलज्ञान
कल्याणक मनाया गया। सुबह सवा 6 बजे नित्य पूजन जाप्य हवन के बाद सवा नौ बजे तीर्थकर
आदिकुमार का आहार गमन हुआ।
आदिकुमार को आहार देने की रस्म में श्रद्धालु उमड़ पडे।
दोपहर में अभ्यान्तर विधि, अंकन्यास, मुखबंधन, मुखोद्घाटन, नेत्रोमिन्लन, 46 गुण
स्थापना, सूरिमंत्र संस्कार, पट्टोद्घाटन, समोशरण विहार रचना, चतुर्णिकाय देव-देवी,
मनुष्य तिर्यच आगम आदि क्रियाओं को देखने लिए पूरा पांडाल खचाखच भरा हुआ था। वहीं
जैन मुनि ने प्रवचन देते हुए देते हुए कहा कि केवलज्ञान हमारे अन्दर विद्यमान होता
है लेकिन जिस प्रकार मेघ सूर्य के प्रकाश पुंज को ढक लेते हैं । मंगलवार रात को
इन्दौर से आए भजन गायकों ऋषभ जैन व सम्भव जैन ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। रात नौ
बजे शुरू हुई भजन संध्या देर रात 12 बजे तक चली।
पंचकल्याणक का समापन
आज
पंचकल्याण महोत्सव के अंतिम दिन गुरूवार को मोक्ष कल्याणक मनाया जाएगा। सुबह
जिनाभिषेक व शांतिधारा के बाद आदिनाथ का कैलाश पर्वत से मोक्ष गमन, सौधर्म इन्द्रों
द्वारा नख व केश ढूंढना, मोक्ष कल्याणक पूजन, निर्वाण लड्डू चढ़ाने, विश्व शांति
महायज्ञ तथा मंडप से मन्दिर तक शोभायात्रा एवं मन्दिर के पट्ट उद्घाटन, श्रीजी,
शिखर कलश, ध्वजदण्ड की स्थापना के साथ पंच कल्याणक महोत्सव का समापन होगा।