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गोरखपुर

इन सीटों पर फैसले के बाद ही होगा यूपी में महागठबंधन का ऐलान

समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और पीस पार्टी तीनों हैं इन महत्वपूर्ण सीटों पर दावेदार।

गोरखपुरJan 18, 2017 / 07:44 pm

रफतउद्दीन फरीद

SP congress allience

SP congress allience

DHIRENDRA GOPAL

गोरखपुर. समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व पीस पार्टी गठबंधन की चर्चा से राजनीतिक गलियारों में पूर्व के बने सारे समीकरण भले ही टूटते दिखते हों और कुछ लोग सपा गठबंधन के सत्ता में आने का दावा कर रहे हों पर राह इतनी आसान नहीं। सपा के लिये गठबंधन की इस सोच को आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। इसके लिये उसे अपने कई दिग्गज नेताओं के टिकटों की बली देनी पड़ सकती है। ऐसी सीट जहां सपा जीत का दावा कर रही है, वह सहयोगियों के लिये छोड़नी भी पड़ सकती है। गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब दर्जन भर सीटें ऐसी हैं जहां सपा से मजबूत स्थिति में कांग्रेस या पीस पार्टी है। इन सीटों पर सपाई दिग्गज भी भाग्य आजम रहे। ऐसे में इन दिग्गजों का टिकट कटता है तो बगावत के सुर भी बुलंद हो इससे इनकार नहीं किया जा सकता।




मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सायकिल चुनाव निशान मिलने और सपा का सर्वेसर्वा बनने के बाद से ही गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। चर्चा है कि सपा कांग्रेस व अन्य छोटे दलों से गठबंधन कर चुनाव मैदान में जाएगी। इस गठबंधन में पीस पार्टी जैसे दलों के शामिल होने की भी बात है। ना-ना करते हुए जब कांग्रेस भी गठबंधन के संकेत दे दिए हैं और अब केवल ऐलान बाकी है। इस ऐलान की खबर से कई सपाई दिग्गजों की हवाईयां उड़ी हुई हैं। गोरखपुर और बस्ती मण्डल की कई सीटें ऐसी हैं जिन पर पेंच फंस सकता है।



गोरखपुर-बस्ती मंडल में सर्वाधिक सरगर्मी
गठबंधन को लेकर गोरखपुर-बस्ती मंडल में सर्वाधिक सरगरमी है। वजह यहां संभावित गठबंधन दलों के सभी प्रत्याशी मैदान में आ चुके हैं। पिछले चुनाव में मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण कर चार सीटों को जीतने वाली पीस पार्टी इस बार एक छोटे दल निषाद पार्टी से मिलकर चुनाव मैदान में आ चुकी है। निषाद दल का मछुवारा जातियों पर अच्छी-खासी पकड़ है। इसके अलावा महान दल भी इस गठबंधन में शामिल है जो अतिपिछड़ी जातियों की ही राजनीति करती है। गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब दर्जन भर सीटों पर इन तीनों दलों का गठबंधन बड़ी पार्टियों का खेल बिगाड़ सकता है।




गठबंधन के बाद इन सीटों पर संकट में दिग्गजों का टिकट
गोरखपुर में ग्रामीण
– 2012 में विजय बहादुर यादव इस सीट से चुनाव जीता।
– इस विधानसभा पर पीस पार्टी गठबंधन अपना दावा कर सकता है।
– सीट से गठबंधन में शामिल निषाद दल के अध्यक्ष डॉ.संजय निषाद मैदान में हैं।
– सपा ने भाजपा से आये विधायक विजय बहादुर यादव को मैदान में उतारा है।


पनियरा (महाराजगंज)
– 2012 के चुनाव में बसपा के जीएम सिंह चुनाव जीते।
– सपा के जनार्दन ओझा ने 39,156 वोट पाकर मजबूत स्थिति में थे, सो सपा सीट पर दावा करेगी।
– पनियरा पर कांग्रेस भी दावा नहीं छोड़ेगी। यहां से तलत अजीज ने 2012 में 35,363 वोट पाये।
– बसपा ने जनार्दन ओझा की बहू सुमन ओझा को टिकट दिया है।


रुधौली (बस्ती)
– 2012 में कांग्रेस के संजय प्रताप जायसवाल यहां से जीते थे।
– एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग के मामले में पार्टी ने संजय को निकाला तो वह बीजेपी में गए।
– कंग्रेस इस जिताऊ सीट पर शायद ही दावा छोड़े।
– शिवपाल यादव ने बाहुबली पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह के भाई डिम्पल सिंह तो अखिलेश ने पूर्व मंत्री रामललित चैधरी को टिकट दिया है।
– सीट गई तो सपा के दोनों दिग्गजों को लगेगा झटका।


बस्ती सदर
– बस्ती सदर सीट कांग्रेस को मिल सकती है।
– 2012 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की।
– कांग्रेस का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर थे।
– पीस पार्टी इस सीट पर 23,700 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थी।
– सपा ने यहां से एक बड़े व्यवसायी उमाशंकर पटवा को प्रत्याशी घोषित किया है।


खलीलाबाद (संत कबीर नगर)
– मुस्लिम बाहुल खलीलाबाद सीट से पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब विधायक हैं।
– सपा ने दिग्गज नेता और पूर्व सांसद भालचंद यादव के बेटे सुबोध यादव को टिकट दिया है।
– गठबंधन में सीट का पीस पार्टी के खाते में जाना तय।


फरेंदा (महाराजगंज)
– 2012 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के बजरंग बहादुर सिंह जीते।
– ठेकेदारी प्रकरण में बर्खास्त होने के बाद उपचुनाव सपा के विनोदमणि जीते।
– सीट पर कांग्रेस, पीस पार्टी और सपा तीनों ने अच्छा-खासा वोट बटोरा था।
– कांग्रेस और पीस पार्टी भी दावा जता सकते हैं।


नौतनवां
– सपा और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा वाली।
– कांग्रेस के कौशल किशोर सिंह ने हैं विधायक।
– शिवपाल ने सपा के बाहुबली पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि को टिकट दिया है।


देवरिया सदर
– भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह जीते।
– सपा के पूर्व विधायक दीनानाथ कुशवाहा ने 29449 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे।
– पूर्व एमएलसी व कांग्रेस प्रत्याशी जेपी जायसवाल 25383 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
– सपा ने यहां से पूर्व एमएलसी रानगीना यादव के पुत्र पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय यादव को टिकट दिया है।
– वोट प्रतिशत के आधार पर सपा और कांग्रेस दोनों दावेदार।


रूद्रपुर
– कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह विधायक हैं।
– सपा ने यहां से पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ खोखा सिंह को प्रत्याशी बनाया है।


खड्डा (कुशीनगर)
– कुशीनगर की खड्डा सीट पर कांग्रेस के विजय दुबे विधायक जीते।
– एमएलसी चुनाव में विजय दुबे क्रॉस वोटिंग के आरोप में बर्खास्त कर दिये गए।
– विजय दुबे अब भाजपा में हैं।
– 2012 के चुनाव में लड़ाई कांग्रेस और सपा में थी।
– गठबंधन हुआ तो दोनों का दावा इस सीट पर होगा।
– पीस पार्टी ने भी सीट पर अच्छा वोट बटोरा था।



पडरौना
– 2012 में स्वामी प्रसाद मौर्य जीते।
– कांग्रेस के राजेश जायसवाल 34,022 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे
– पीस पार्टी के राजेन्द्र उर्फ मुन्ना यादव 31,617 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
– समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता पूर्व सांसद बालेश्वर यादव के बेटे ने 27,775 वोट पाए थे।
इस सीट पर पीस पार्टी, कांग्रेस और सपा तीनों दावेदारी करेंगे।



तमकुहींराज
– 2012 में कांग्रेस के लोकप्रिय कहे जाने वाले नेता अजय कुमार लल्लू जीते।
– सपा ने इस बार पूर्व मंत्री डॉ. पीके राय को टिकट दिया है।
– सपा का इस सीट पर जोर शोर से दावा है।
– विनिंग सीट होने के चलते कांग्रेस भी सीट छोड़ने के मूड में नहीं।
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