नई दिल्ली/अहमदाबाद: उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में भारी बारिश के बाद गुरुवार तड़के से सुबह दस बजे तक हुई भारी बारिश के कारण अहमदाबाद भी तरबतर हो गया। पांच से छह घंटे में औसतन सात इंच बारिश से सड़कें और सोसाटियां तालाब में तब्दील हो गईं। शहर के पूर्वी इलाकों में स्थिति और खराब रही। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने रेस्क्यू टीम के साथ बाढ़ जैसे हालातों वाले क्षेत्रों का दौरा भी किया। संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शहर में राहत बचाव के लिए दो कॉलम आर्मी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ की तीन अतिरिक्त टीमें शहर में तैनात की गई हैं।
जनजीवन प्रभावित
शहर में हुई भारी बारिश के कारण गुरुवार सुबह अनेक लोगों के घरों में पानी आ गया तो दुकानों में भी पानी भर गया। पानी भरने के कारण लोगों को दूध और सब्जी लेने के लिए तीन-चार फीट तक पानी के भीतर से जाना पड़ा। इतना ही नहीं कई इलाकों में समाचार पत्र भी नहीं पहुंचे।
7 मकान ढहे, 65 पेड़ गिरे
भारी बारिश के चलते शहर में जल प्लावन की स्थिति के बीच 65 वृक्ष गिर गए वहां सात मकानों भी ढह गए। शहर में मानसूनी हादसों में तीन जनों के घायल हो गए। रेस्क्यू टीम में पहुंचे मुख्यमंत्री रुपाणी ने कहा कि शहर में 121 जगहों पर बारिश रुकने के बाद भी पानी भर गया। सोसायटी और सड़कों पर भरे पानी के निकासी में टीमें लगी हुई हैं। बारिश के दौरान शहर के लगभग सभी अण्डरब्रिजों को बंद करना पड़ा लेकिन बाद में छह को यातायात के लिए खोल दिया गया और दोपहर तक दो को बंद रखा गया।
हेरिटेजसिटी को और दो दिन भारी
उधर मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि देश की इस हेरिटेज सिटी में शुक्रवार और शनिवार को भी भारी बारिश संभव है। गौरतलब है कि शहर में पिछले एक सप्ताह से रिमझिम बारिश हो रही है और इसके बाद गुरुवार को जोरदार बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया।
बीआरटीएस व एएमटीएस व्यवस्था भी बाधित
शहर में सड़कों पर पानी भरने के कारण शहर में बीआरटीएस एवं एएमटीएस बस सेवा भी बाधित हुई। कई जगहों पर सड़कों पर पानी भरने से बसों के आवागमन को बंद करना पड़ा या फिर रूट बदल कर चलाईं गईं। शहर की अधिकांश सड़कें क्षतिग्रस्त हालत में हैं जिससे वाहन चालकों को भी काफी परेशानी हो रही है। पानी भरने के कारण दुपहिया वाहनों को बंद हालत में ले जाने वालों की भी कमी नहीं थी।
महामारी फैलने की आशंका
अहमदाबाद/पालनपुर. बनासकांठा जिले की 11 तहसीलों के 151 गांवों में अतिवृष्टि के प्रकोप से महामारी फैलने की आशंका को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। बाढग़्रस्त इन गांवों में 80 हजार की आबादी है। रोग न फैले इस उद्देश्य से बनासकांठा जिले में तत्काल प्रभाव से 88 चिकित्सा अधिकारियों की अगुवाई में कई टीमें बनाईं गईं हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें जुटीं
745 फिमेल हेल्थ वर्कर, 733 सहायक हेल्थ वर्कर और 2800 हेल्थवर्करों को लगाया गया है। इसके अलावा हिम्मतनगर जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज 50 चिकित्सकों (इन्टर्न) को स्टेंड बाई रखा गया है। बुधवार को 16 मेडिकल शिवरों के माध्यम से 640 मरीजों का उपचार भी किया गया है। इसी तरह से पाटण जिले में भी प्रभावित इलाकों में ध्यान केन्द्रित किया गया है।
सर्वे का कार्य जोरों पर
प्रभावित इलाकों में कृषि, मकान एवं जानमाल के नुकसान का सर्वेक्षण के लिए चार उप जिला विकास अधिकारी और दस तहसील विकास अधिकारियों को बनासकांठा जिले में लगाया गया है। अन्य जिलों में से 75 अधिकारियों व 160 अन्य कर्मचारियों को भी बुलाया गया है।
रात तक नौ लाख फूड पैकेट बांटे
दावा किया जा रहा है कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद राहत सामग्री पहुंचाने के लिए महाअभियान शुरू किया गया है। इसके तहत मंगलवार और बुधवार को प्रभावितों को 9 लाख फूड पैके ट का वितरण किया जा चुका है। इसेक लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर अधिक मददगार हो रहे हैं। इनके माध्यम से 12 टन से अधिक भोजन का वितरण किया जा चुका है।
दो दिनों में 23 सौ लोगों को बचाया
भारतीय वायु सेना, सेना, एनडीआरएफ के जवानों के साथ गुजरात पुलिस और एसआरपीएफ के जवान भी कंधे से कंधा मिलाकर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए दिन रात जुटे हुए हैं। गुजरात पुलिस ने मंगलवार और बुधवार दो दिनों में बाढ़ प्रभावित बनासकांठा जिला व पानी छोड़े जाने के चलते खेड़ा जिले में बिगड़े हालात में फंसे 2300 लोगों और 70 पशुओं को बचाया है।
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