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रायपुर

रायपुरवासी ध्यान रखें! ठगों ने बिछा रखा जाल, इन तरीकों से कर रहे हैं धोखाधड़ी

राजधानी जितनी तेजी से विकसित हो रही है, उतनी ही तेजी से देशभर के ठग गिरोहों ने यहां अपना जाल फैलाया है। 

रायपुरJul 24, 2017 / 02:36 pm

अभिषेक जैन

cyber crime

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नारद योगी/रायपुर. राजधानी जितनी तेजी से विकसित हो रही है, उतनी ही तेजी से देशभर के ठग गिरोहों ने यहां अपना जाल फैलाया है। पिछले तीन साल में अलग-अलग थानों में अब तक 206 अपराध दर्ज हुए हैं। वर्ष 2017 में अबतक का यह आंकड़ा 50 से अधिक हो गया है। इधर, पुलिस ने अब तक डेढ़ सौ से अधिक ठगों को पकड़ा है। इनमें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के ठग शामिल हैं। 

विदेशी ठगों को पुलिस नहीं पकड़ पाई है। ये बर्तन चमकाने, नौकरी दिलाने का झांसा देने से लेकर ऑनलाइन ठगी करने में एक्सपर्ट होते हैं। ऑनलाइन ठगी करने वाले हर बार ट्रेंड बदलते हैं। पहले आधार कार्ड से लिंक, खाता बंद होने, एटीएम खराब होने आदि के नाम पर झांसा देते थे, लेकिन अब जीएसटी के नाम पर भी धोखा देने लगे हैं। शहर में बढ़ती धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस को जागरूकता अभियान भी चलाना पड़ा है।

ढाई सौ मामले दर्ज 
वर्ष 2014 से 2016 तक रायपुर जिले के 31 थानों में ठगी के शिकार लोगों ने 101 शिकायतें दर्ज कराईं। इनमें से पुलिस ने 206 अपराध दर्ज किए। वर्ष 2017 में ्अब तक 50 से ज्यादा हो गए हैं। पिछले तीन साल में पुलिस ने 167 ठगों को गिरफ्तार किया है। 

सबसे बड़ी ठगी कैशियर से 
सहारा इंडिया के कैशियर ने 35 लाख डॉलर के लालच में बैंक के 3 करोड़ से अधिक की राशि ठगों के खातों में डाल दिया। यह ऑनलाइन ठगी करने वालों का बड़ा कारनामा है। इसमें आरोपी कैशियर जेल में हैं। 

42 करोड़ से अधिक ले गए ठग
अलग-अलग प्रकार की ठगी करके ठग रायपुर जिले से 42 करोड़ 58 लाख 26 हजार 611 रुपए ले गए हैं। इनमें से पुलिस ने ठगों से 1 करोड़ 2 लाख 927 रुपए बरामद किया।

पुलिस को लगाना पड़ा जागरूकता शिविर
ठगी के बढ़ते मामलों ने पुलिस को चिंता में डाल दिया है। ऑनलाइन, एटीएम फ्रॉड और नौकरी के नाम पर धोखाड़ी के मामले लगातार आने के बाद पुलिस ने लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास शुरू कर दिया। पुलिस ने जनमित्र अभियान चलाकर ऑनलाइन ठगी रोकने और लोगों को जागरूक करने ई-रक्षक नियुक्त किए। रायपुर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में पुलिस अब तक 500 से अधिक बैठकें ले चुकी हैं।

ऑनलाइन ठगी 92
नौकरी के नाम पर 37
चिटफंड कंपनी 69
एटीएम फ्रॉड 23

इतने की ठगी
वर्ष 2014 में 19 करोड़ 79 लाख 45 हजार 278
वर्ष 2015 में 11 करोड़ 9 लाख 51 हजार 975 रुपए 
वर्ष 2016 में 11 करोड़ 69 लाख 29 हजार 358 रुपए 

अलर्ट रहने की जरूरत
लोगों में जागरूकता की कमी के चलते ऑनलाइन ठगी, एटीएम फ्रॉड जैसे मामले बढ़ रहे हैं। लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। आम लोगों को जागरूक करने जनमित्र अभियान के तहत लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं। जिन मामलों में आरोपी फरार हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
विजय अग्रवाल, एएसपी-शहर

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