संदीप तोमर, गाजियाबाद। अगर आप गूगल पर गाजियाबाद के हाॅन्टेड प्लेस सर्च करते हैं तो केवल एक ही जगह का नाम आता है, वो है कविनगर की केसी-19 कोठी। इसे कर्इ साइट्स पा भूतों का बंगला भी कहा गया है। इंटरनेट पर इससे जुड़ी बहुत सी डरावनी कहानियां पढ़ने को मिल सकती हैं।
बताया जाता है कि 1993 में यहां रहने वाले कमल जैन के साथ उनके पूरे परिवार का कत्ल कल दिया था। परिवार में केवल एक बच्चा ही बचा था, जोकि अब अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के साथ रहता है। अब से पांच साल पहले तक इस बंगले में भूतों के किस्से और आवाजें आम थीं।
पत्रिका टीम ने जब इस कोठी की पड़ताल की तो हकीकत कुछ आैर ही निकली। पत्रिका टीम को यहां कुछ भी एेसा नहीं मिला, जिससे यहां भूत बंगला होने का एहसास हो। बल्कि यह कोठी तो चार-पांच साल से टूटी हुर्इ है आैर यहां पर काफी सालों से एक परिवार भी रह रहा है।
केसी-19 को कहा जाता है भूत बंगला
पत्रिका टीम जब केसी-19 यानी भूत बंगले को खोजती हुर्इ यहां पहुंची तो पता चला कि कोठी को यहीं पास में केसी—10 में रहने वाले राकेश भाटिया ने खरीद लिया था। उन्होंने इसे तुड़वा दिया था। अब वहां पर फिलहाल लोहे के एंगिल आैर कुछ मलबा पड़ा हुआ है। टूटी हुर्इ बाउंड्री के अंदर कुछ हिस्सों पर बागवानी भी की गर्इ थी।
चार साल से रह रहा एक परिवार
फिलहाल इस प्लाॅट (टूटी हुर्इ कोठी) की देखभाल एटा से आए श्रीपाल करते हैं। वह यहां अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। श्रीपाल रिक्शा चलाते हैं और उनकी पत्नी सुनीता आस—पास के बंगलों में काम करती हैं। आज तक नहीं सुनी कोर्इ डरावनी आवाज
सुनीता का कहना है कि वह चार साल से यहां पर रह रही हैं लेकिन आज तक भूत जैसी कोई चीज न देखी। न ही इस तरह की कोई आवाज सुनी जैसा कि लोग बताते हैं। जब हम यहां पर आए थे तो बंगला नहीं था, लेकिन झाड़ियां उगी हुर्इ थीं। हम लोगों ने झाड़ियों को काटकर यहां सफार्इ की आैर कुछ सब्जियां उगार्इं। हमें नहीं दिखा कोर्इ भूत
वहीं सुनीता के पास बैठी उनकी बेटी से डर के बारे में पूछा तो उसने कहा, हमें यहां पर बिलकुल डर नहीं लगता है। इतने दिन हो गए, कोर्इ दिक्कत नहीं हुर्इ। शुरू में लोग कहते थे, यहां मत रहो। पर एेसा कुछ नहीं है। इतने दिन हो गए हमें तो कोर्इ भूत नहीं दिखा। सब अफवाह है
केसी-19 को खरीदने वाले राकेश भाटिया के घर जाने पर हमें वहां उनकी पत्नी मिलीं। जब उनसे पूछा गया कि आपने भूत बंगले क्यों खरीदा? क्या डर नहीं लगता? तो वह कहती हैं, नहीं उस बंगले में भूत बंगले जैसा कुछ नहीं है। सब कुछ नॉर्मल है। चार साल से बंगले की जमीन पर एक परिवार रह रहा है, जिसने कभी भूत जैसी कोई शिकायत नहीं की है। ये सब अफवाहें हैं।
इंटरनेट पर मिला एक ब्लाॅग
अगर इंटरनेट पर केसी—19 के बारे में सर्च किया जाता है, तो कुंवर सिंह नाम से एक ब्लाॅग मिलता है। इस ब्लाॅग में आशीष नाम के एक युवक ने बंगले के भीतर जाने का अपना अनुभव लिखा है। आशीष के अनुसार, जब वह 11 कक्षा में पढ़ते थे तो एडवेंचर के लिए अपने दोस्तों के साथ बंगले में दाखिल हुए थे, लेकिन जब सभी लोग भीतर पहुंचे तो वहां लगे खून के निशानों को देखकर घबरा गए और डरकर बाहर भाग आए। उन्हें बाद में पता चला कि यहां पर कमल जैन के परिवार का कत्ल हुआ था।