बता दें क दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी निवासी उमेश विग की नोएडा के सेक्टर-81 में जनरल एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम नाम से कंपनी है। उनकी कंपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार करती है। आठ जनवरी की रात उमेश बेटी पल्लवी के साथ कंपनी से कार में बैठकर घर लौट रहे थे। वह कंपनी से कुछ दूरी पर ही पहुंचे थे। इसी दौरान बदमाशों ने उनकी बीएमडब्ल्यू कार पर गोली चला दी थी। उमेश ने फायरिंग की सूचना नोएडा पुलिस को दी थी। इसके अगले दिन ही उद्यमी के पास दो करोड़ रुपये की रंगदारी के मांगने के लिए काॅल आ गया। धमकी देने वाले बदमाशों ने उन्हें बताया कि उन्होंने ही उनकी कार पर गोली चलाई थी। रंगदारी न देने पर अगली बार उनकी गोली मारकर हत्या कर दी जाएगी। मामले में उद्यमी ने थाना फेज दो में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद से थाना फेज दो पुलिस उद्यमी की कंपनी के आसपास तैनात थी।
रंगदारी न देने पर दोबारा हमला करने की नियत से अाए बदमाश, मुठभेड़ में हुए घायल उद्यमी के पास बदमाशों के कर्इ बार रंगदारी के लिए काॅल करने पर भी उद्यमी द्वारा रुपये न देने पर शनिवार शाम बाइक सवार तीन बदमाश उनकी कंपनी के बाहर पहुंचे। इसी दौरान पुलिस टीम के साथ मौजूद फेज टू थाना प्रभारी ने बाइक पर तीन युवकों को संदिग्ध देख रुकने का इशारा किया। इस पर बदमाश रुकने की जगह भागने लगे। पुलिस द्वारा पीछा करने पर बदमाशों ने फायरिंग कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिससे दो बदमाश घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने तीनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान बागपत के मिथली निवासी आजाद बागपत निवासी विकास और संजू (35) के रूप में हुई है। संजू विकास का बहनोई है। उसका परिवार काफी समय से नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में रह रहा है। हालांकि परिवार से विवाद की वजह से संजू गांव में ही किराए पर अलग रहता है।
उद्यमी के पहले ड्राइवर ने बनाया था रंगदारी का प्लान दो करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में उद्यमी उमेश का चालक अरविंद मास्टरमाइंड है, जो अभी वह फरार चल रहा है। आरोपी को उद्यमी उमेश ने नौकरी से निकाल दिया था। इसके दो साल बाद आरोपी अरविंद ने अपने साथियों संग रंगदारी की प्लानिंग की। अरविंद ने ही पूरे मामले की मुखबिरी की थी। इसके साथ ही रंगदारी मांगने के लिए आरोपियों ने लूट का मोबाइल इस्तेमाल किया।