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इनमें से चार मुकदमे यूनिवर्सिटी के लिए ग्राम समाज व चकरोड की जमीन लेने के लिए और 10 मुकदमें दलितों की जमीन अनुमति के बिना ही खरीदने के लिए चल रहे हैं। वहीं जमीन मामले में गत वर्ष नवंबर में दर्ज हुए मुकदमे पर आजम खां की ओर से आपत्ति जताई है। यह भी पढ़ें
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कि दंग रह गए लोग ये है पूरा मामला बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन लेने के लिए आजम खां ने 2012 में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष की हैसियत से उपजिलाधिकारी टांडा की कोर्ट मे आवेदन किया था। यहां उन्होंने रेत नदी एवं चकरोड की जमीन के बदले में अपनी जमीन देने की बात कही थी। यह भी पढ़ें