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दरअसल, टैक्स पेयर्स (Tax Payers) की सहूलियत के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax x Department) ने अपने नियमों में बदलाव किए हैं। साइबर एक्सपर्ट किस्ले चौधरी के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट-1961 में संशोधन हुआ है। जिसके बाद अब टैक्स पेयर्स को अपने दस्तावेजों में PAN की जगह 12 अंकों का आधार नंबर भी इस्तेमाल करने का ऑप्शन मिलता है। लेकिन इस सुविधा के साथ ही एक नया पेंच जोड़ दिया गया है, जिसमें जुर्माने का प्रवाधान किया गया है। चौधरी के मुताबिक नए नियम के तहत जिन दस्तावेजों में PAN डालना जरूरी होता था, वहां अब 12 अंकों का आधार कार्ड नंबर भी डाला जा सकता है। इसके साथ ही इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना, डीमैट अकाउंट खोलना, नया बैंक अकाउंट खोलना, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड खरीदना। इन सभी में PAN डालना होता था, लेकिन अब इनमें आधार नंबर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। हालांकि इनसे जुड़े दस्तावेजों में अगर गलत आधार नंबर डाल दिया जाए तो जुर्माना भी देना पड़ सकता है। ये नियम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा जोड़ा गया है।
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