हाल ही में बुलंदशहर के एसएसपी एन कोलांची को थानाध्यक्षों की तैनाती में पैसे की लेन-देन और भ्रष्टाचार मामले में तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा कुछ दिन पहले बुलंदशहर के ही जिलाधिकारी को भी हटा दिया गया है। आपको बता दें कि हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए जिसने योगी सरकार की खूब किरकिरी करवाई है। इसमें हिंसा, दुष्कर्म, समेत कई मामले शामिल हैं। इसके अलावा जहरीली शराब पीने से भी लोगों की मौत हो गई थी। सहारनपुर में 55 मौतें, जबकि मेरठ में 18, कुशीनगर में 10 मौतें हो चुकी है। इसमें भी सरकार को विपक्ष ने घेरा था। बाद में कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा कई केसो को अब तक नहीं सुलझाने में देरी पर भी शासन सख्त है।
इसी कारण गृह विभाग में अपर मुख्य सचिव का पदभार संभालने के बाद अवनीश अवस्थी को सक्रिय किया गया। इसके बाद वह 10 दिन में यूपी के तमाम जिलों में पहुंचे, जिनमें गौतमबुद्घनगर, गाजियाबाद, मेरठ, समेत सूबे के कई थानों का निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने थानाध्यक्षों की कार्यशैली में सुधार की जरूरत बताई है। अवस्थी ने कानून व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने के लिए का औचक निरीक्षण भी किया।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने थानों में एंटी रोमियो दस्ते को प्रभावी बनाने के लिए पुलिसकर्मियों को शरीर पर लगाए जा सकने वाले कैमरे दिए जाने की बात कही है। कई जगह पुलिसकर्मियों को शरीर पर लगाए जा सकने वाले कैमरे देकर इसकी शुरुआत भी की गई।
वहीं निरीक्षण के दौरान जन सुनवाई को और प्रभावी बनाने, पुलिस बल को बेहतर संसाधन व सुविधाएं देने और अपराध पर नियंत्रण आदि पर फीडबैक भी लिया गया। इस दौरान अवनीश अवस्थी जिलों में तैनात अफसरों की कार्यशैली की भी संघनता से जांच रहे हैं, जिससे वह मुख्यमंत्री को सही फीडबैक दे सकें। वह अन्य अधिकारियों से भी पुलिस की कार्यशैली को पता करवा रहे हैं। जिससे उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को खराब करने वाले अफसरों के काले कारनामों का चिट्ठा जुटाया जा रहा है। उनमें ऐसे अफसरों को छांटा जा रहा है जो सरकार की बदनामी करवा रहे हैं।