नई दिल्ली/नोएडा। यूपी कैबिनेट द्वारा 17 ओबीसी जातियों को एससी कैटेगरी में डालने के फैसले को बीजेपी ने अखिलेश सरकार द्वारा अपनी नाकामी छिपाने का प्रयास बताया है। बीजेपी ने कहा कि अखिलेश सरकार जाति की राजनीति कर चुनाव में जीत हासिल करने की कोशिश कर रही है लेकिन उसकी ये कोशिश कामयाब नहीं होगी।
समझदार हो चुकी है जनता: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि जो सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में कोई विकास का काम नहीं करती उसे अंत समय आने पर अपनी हार का डर सताने लगता है। ऐसे राजनीतिक दल चुनाव में जाति-धर्म का सहारा लेकर जीत हासिल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार उनकी ये कोशिश कामयाब नहीं होगी। क्योंकि प्रदेश की जनता बहुत समझदार हो चुकी है। वह ये समझ रही है कि चुनाव के अंतिम समय में इस तरह के फैसले लेने का असली मतलब क्या होता है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार जातिगत राजनीति के सहारे जीत की शहनाई बजाने की कोशिश कर रही है, लेकिन ये जनता उनकी जीत की शहनाई की बजाय उनकी सरकार का बैंड बजा देगी।
जाति की लड़ाई में उलझाने का प्रयास
भाजपा नेता ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि यूपी जैसे राज्य को जिस समय सबसे ज्यादा विकास और रोजगार देने की जरूरत है, उस समय प्रदेश का मुखिया उसे जाति की लड़ाई में उलझाने की कोशिश कर रहा है। यह शर्मनाक है।
बता दें कि यूपी सरकार ने आज एक अहम निर्णय लेते हुए प्रदेश की 17 ओबीसी जातियों को एससी एसटी केटेगरी में डाल दिया। इन जातियों में कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार और प्रजापति शामिल हैं। सरकार के इस कदम से इन जातियों को सरकारी नौकरियों में एससी/एसटी केटेगरी के तहत आरक्षण मिलेगा। वहीं, मायावती ने सरकार के इस फैसले को एससी/एसटी जातियों के साथ किया गया धोखा बताया है।