VIDEO: लीची के बाद इस प्रजाति की मछली को लेकर आई बड़ी खबर, प्रशासन की उड़ी नींद
शामली. कैराना स्थित तालाबों में पाली जा रही प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पर मत्स्य विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। विभागीय टीम ने गांव दभेड़ीखुर्द में तालाब से करीब दस कुंतल मांगुर मछली को बाहर निकलवाकर नष्ट कराया। इस कार्रवाई से मांगुर मछली पालकों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि मांगुर मछली पालना और बेचना प्रतिबंधित है। इस कारोबार में कोई लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि गांव दभेड़ीखुर्द के तालाबों में मांगुर मछली पालने का मामला सामने आया था। एसडीएम डा. अमित पाल शर्मा ने मत्स्य विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम के निर्देश पर मत्स्य विभाग के सीओ शिव कुमार व इंस्पेक्टर आनंद कुमार समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी दभेड़ीखुर्द पहुंचे। उन्होंने तालाब से मछलियों को बाहर निकलवाकर नष्ट करा दिया है। मत्स्य विभाग के सीओ शिव कुमार ने बताया कि तालाब से करीब 10 कुंतल मांगुर मछली बरामद हुई है। उन्होंने कहा कि किसी तालाब में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पाली जा रही है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
द्यातक है यह मछली खाना मांगुर मछली को खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमरियां होती हैं। इस मछली के पालन और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध है। प्रतिबंध के बाद भी इसका कारोबार किया जा रहा है। प्रशासनिक अफसरों की माने तो थाई मांगुर प्रजाति की मछली गंदी होती है। इस मछली को खान से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां होने का डर रहता है। साथ ही यह जलीय पर्यावरण का भी खतरा है। बाजार में न तो इस मछली को बेचा जा सकता है और न ही इसका पालन किया जा सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इसके पालन और बिक्री रोक लगा चुका है। उसके बाद भी यह मछली जिले में धड़ल्ले से पाली और बेची जा रही है।
चमकी बुखार से मौत के बाद लीची से लोग कर रहे है तौबा बिहार में चमकी बुखार से 140 से ज्यादा बच्चों की मौत सामने आई है। लीची से यह बुखार होने की आंशका जताई जाा रही है। जिसके बाद लोग लीची खान से बच रहे है। वहीं, मार्केट में लीची कारोबारियों को भी झटका लगा है।