कांथापुरम के एक सुन्नी नेता ने बेहद शर्मनाक बयान दिया। अपने इस बेतुके बयान में उन्होने कहा कि लैंगिक समानता इस्लाम के खिलाफ है। उनका यह बयान सिर्फ यही खत्म नही हुआ। उन्होने आगे अपने दकियानूसी ख्यालातों का जगजाहिर करते हुए कहा कि महिलाएं कभी भी पुरुषों की बराबरी नहीं कर सकतीं। वह केवल बच्चे पैदा करने के लिए ही ठीक हैं।
ऑल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलेमा के प्रमुख एपी अबू बकर ने शनिवार को कहा कि महिलाओं के पास कोई दिमागी ताकत नहीं होती। पूरे ब्रह्मांड पर काबू करने का काम पुरुषों के ही हाथों में है। उसने कहा कि लैंगिक समानता को कभी वास्तविकता का रूप नहीं दिया जा सकता।
कोझिकोड में मुस्लिम छात्र संघ (एमएसएफ) के एक शिविर में अबू बकर ने कहा कि लैंगिक समानता इस्लाम, इंसानियत और अक्लमंदी के खिलाफ है। महिलाएं कभी पुरुषों की बराबरी नहीं कर सकतीं।
वह सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए ही ठीक हैं। महिलाएं कभी भी किसी भी समस्या का सामना नही कर सकती। अबू बकर ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया और कहा कि क्या हजारों हार्ट सर्जन के बीच कोई अकेली महिला हार्ट सर्जन है।
सुन्नी नेता ने मदरसों में लड़के और लड़कियों के यौन शोषण के आरोपों को खारिज करते हुए पूछा कि ऐसे आरोप लगाने वालों के पास क्या कोई सुबूत है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक महिला पत्रकार ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा था कि मदरसों में लड़कियों और लड़कों का यौन उत्पीड़न होता है।
इससे पहले भी 76 वर्षीय इस सुन्नी नेता ने हाल ही में चुनावों में महिलाओं के मताधिकार का प्रयोग नहीं करने का एलान किया था। जिसके बाद काफी विवाद भी हुआ।
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