इस बैठक में कुल 6 बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस दौरान बताया गया कि गत 19 फरवरी को सचिन शहरी एंव आवासन मंत्रालय भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 19 फरवीर को अनुबन्ध हस्ताक्षर होकर प्राप्त हो गया है। जिसके चलते अब एनएमआरसी में केंद्र सरकार की 50 फीसदी हिस्सेदारी सुनिश्चित हो गई है। इसके साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार द्वारा 970 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की जाएगी। जिसमें प्रोजेक्ट की कुल लागत 5503 करोड़ की 14.18 धनराशि के बराबर 687.62 करोड़ अंशदान दी जाएगी और अब एनएमआरसी को 50 प्रतिशत भारत सरकार तथा 50 प्रतिशत यूपी सरकार की सहभागिता वाली जॉइंट वेंचर कंपनी बनाए जाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।
अब इसके तहत एनएमआरसी की बोर्ड का पुनर्गठन किया जाएगा। जिसमें भारत सरकार द्वारा पांच निदेशकों के नाम दिए जाएंगे। इनमें से एक निदेशक अध्यक्ष होगा। इसी तरह यूपी सरकार भी पांच निदेशक नामित करेगी जिसमें से एक प्रबंध निदेशक होंगे। इस दौरान बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसमें बताया गया कि प्रोजेक्ट के सिविल कार्य पूरे हो चुके हैं। इलैक्ट्रीकल मैकेनिकल एंव सिग्नलिंग का कार्य 80 फीसदी से अधिक पूरा हो चुका है। ट्रैक पर टेस्ट ट्रायल भी चलाया जा रहा है। इसके साथ ही मार्च के पहले हफ्ते में यूपीपीटीसीएल द्वारा पर्याप्त पावर मिलने पर ट्रैक पर ट्रायल की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाएगी।
काम , होश आने पर खुला राज वहीं एनएमआरसी की सिटी बस योजना की भी समीक्षा करते हुए सदस्यों ने राजस्व बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं। वहीं भर्ती के बारे में भी बताया गया कि 744 स्टाफ की भर्ती का परिणाम घोषित किया जा चुका है और नियुक्ति पत्र जारी करने की प्रक्रिया के तहत 92 अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। जिनका परिक्षण डीएमआरसी के शास्त्री पार्क स्थित परिक्षण केंद्र में शुरु हो चुका है। बैठक में एनएमआरसी के प्रस्तावित बजट 2018-19 को भी मंजूरी दी गई है। बजट में कुल 2320 करोड़ रुपये की आय तथा व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। जिसमें अगामी वित्त वर्ष में भारत सरकार यूपी सरकार तथा एनएमआरसी योजना बोर्ड से प्राप्त होने वाली धनराशि व उनके सापेक्ष मेट्रो तथा सिटी बस परियोजना अनुमानित आय का विवरण प्रस्तुत किया गया।