इस पर अब प्राधिकरण ने ठोस कदम उठाने का फैसला लिया है। दावा किया जा रहा है कि इसके बाद से शहर में आने वाले 15-20 साल तक ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होगी। दरअसल, प्राधिकरण द्वारा नोएडा की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाएगा। इसके तहत एमपी वन, एमपी टू, एमपी तीन, डीएससी रोड सहित शहर के कई मुख्य कॉरिडोर का सर्वे किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अगले महीने तक इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। इस प्लान को 15 से 20 साल तक के लिए तैयार किया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था काफी खराब है। रेहड़ी पटरी आदि के अतिक्रमण के चलते सड़कों की चौड़ाई लगातार कम हो रही है। वहीं सड़कों पर वाहन पार्किंग, चौराहों के डिजाइन में खामियां, ट्रैफिक सिग्नल खराब, बढ़ती वाहनों की संख्या से शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार करने का फैसला किया है। इस प्लान के तैयार होने के बाद शहर में इंटीग्रेटिड ट्रैफिक सिस्टम लागू किया जाएगा।
कंपनी की चयन प्रक्रिया शुरू नोएडा प्राधिकरण के ट्रैफिक सेल प्रभारी पी.के गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान बनाने की योजना पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। विभाग द्वारा इसके लिए कंपनी का चयन करने के लिए प्रक्रिया पर भी काम शुरू कर दिया है। शहर में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था बनाई जाएगी। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एक बैठक होगी। जो कि संभवत: 13 सितंबर को होगी।