दरअसल, जनपद में प्राइवेट अस्पताल और लैब द्वारा इलाज के नाम पर अधिक पैसे वसूलने के मामले कई बार सामने आ चुके हैं। जिसे लेकर कई बार ट्विटर और जनसुनवाई एप पर भी शिकायतें की जा चुकी हैं। इन सभी के मद्देनजर सीएमओ द्वारा निर्धारित रेट लिस्ट का पत्र जारी किया गया है। जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि जनपद के सभी कोविड-19 पंजीकृत लैब और अस्पताल निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि की मांग ना करें। यदि किसी लैब या अस्पताल के खिलाफ ऐसी शिकायत पाई जाती है तो उस संबंधित लैब या अस्पताल के विरुद्ध कोविड-19 महामारी की गाइडलाइन के नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पंजीकरण निरस्त करने की भी कार्रवाई की जाएगी।
एनएबीएच में पंजीकृत अस्पताल ले सकते हैं इतना शुल्क बता दें कि एनएबीएच से मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल मरीजों से आइसोलेशन बेड के लिए अधिकतम 10 हजार शुल्क ले सकते हैं। इसमें सपोर्ट सिस्टम और ऑक्सीजन की सुविधा मरीज को मिलेगी। साथ ही 1200 रुपए की पीपीई किट का शुल्क भी इसमें शामिल है। इसके अलावा बिना वेंटीलेटर केयर के आईसीयू के लिए मरीज को 15 हजार रुपये देने होंगे। इसमें 2 हजार रुपये का पीपीई किट शामिल है। वहीं बेहद गंभीर हालत में आईसीयू में वेंटीलेटर केयर की सुविधा देने पर मरीज को 18 हजार रुपये देने होंगे। इसमें 2 हजार रुपये पीपीई किट शामिल है।
गैर-पंजीकृत अस्पतालों में ये है शुल्क एनएबीएच से गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को कम दाम पर इलाज मिल सकेगा। रेट लिस्ट के मुताबिक इन अस्पतालों में मरीजों को आइसोलेशन बेड के लिए 8 हजार रुपये ही देने होंगे। जिसमें सपोर्टिव केयर और ऑक्सीजन शुल्क व 1200 रुपये की पीपीई किट का शुल्क शामिल है। वहीं बिना वेंटीलेटर केयर के आईसीयू के लिए 13 हजार और वेंटीलेटर केयर के साथ आईसीयू के लिए 15 हजार रुपये देने होंगे।
लैब के लिए भी शुल्क किए गए हैं तय सीएमओे द्वारा जारी पत्र के मुताबिक प्राइवेट लैब मरीजों से कोविड टेस्ट के नाम पर अधिक पैसे नहीं वसूल सकते। लैब आरटीपीसीआर जांच के लिए मरीजों से अधिकतम शुल्क 700 रुपये ले सकते हैं। वहीं अगर लैब या अस्पताल सैंपल स्वयं ही घर से कलेक्ट कराते हैं, तो वह अधिकतम 900 तक का शुल्क मरीज से ले सकते हैं। इसके अलावा मरीजों से ट्रू नॉट और सीबी नॉट की जांच के लिए अधिकतम शुल्क 2 हजार रुपये शुल्क लिया जा सकता है। इससे अधिक वसूलने पर लैब का रजिस्ट्रेशन रद्द करने तक की कार्रवाई की जा सकती है।