नोएडा। कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली तमाम भ्रांतियों को दरकिनार कर शुक्रवार को जिले के चिकित्सकों ने बढ़ चढ़कर टीकाकरण अभियान में भाग लिया। हालांकि शुक्रवार को जिले में 14 केंद्रों पर 4,200 कर्मचारियों को कोरोना का टीका लगना था, लेकिन सिर्फ 2,059 स्वास्थ्यकर्मी यानी 49 फीसद ही टीकाकरण अभियान का हिस्सा बने। कई कर्मचारियों को घबराहट व सिरदर्द की समस्या हुई, लेकिन किसी को वार्ड में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
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इस दौरान नोएडा के सेक्टर 110 स्थित यथार्थ अस्पताल में सुबह 9 बजे कोरोना टीकाकरण की तैयारियां पूरी थीं। टीकाकरण बूथ पर स्वास्थ्यकर्मियों के अलावा बाहरी लोगों के प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित था। सबसे पहले यथार्थ अस्पताल के मैनेजिंग ड्रारेक्टर डॉ कपिल त्यागी को टीका लगाया गया। उन्हें अगली डोज लगवाने के लिए 19 फरवरी की तारीख दी गई। इसके बाद टीकाकरण के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ती चली गई। चुभन के साथ टीका लगने के तुरंत बाद ही चिकित्सक भयमुक्त हो गए और चेहरे खिल उठे। एक-दूसरे से अनुभव साझा किए, टीकाकरण के मानक पूरे करते हुए दोबारा अपने कार्यों में जुट गए। डॉ कपिल त्यागी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सेफ है। फैली तमाम भ्रांतियों का कारण कुछ पढे लिखे अनपढ़ लोग हैं। यह भी देखें: कड़ाके की ठंड और शीतलहर ने बढाई लोगों की परेशानी सीएमओ डॉ.दीपक ओहरी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। यहां 300 हेल्थ वर्कर को टीका लगना था, लेकिन शाम पांच बजे तक सिर्फ 168 को ही टीका लगा। अस्पताल में भी व्यवस्थाएं बेहतर रही। इस अवसर मौजूद नोएडा के जाने माने फिजीशियन डॉ वीसी वैष्णव ने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली तमाम भ्रांतियों को दरकिनार कर लोगों को कोरोना वैक्सीनेशन के राष्ट्रवापी अभियान में हिस्सा लेना चाहिए। टीका लगाने के बावजूद कोविड़-19 के नियमों का पालने करना चाहिए। क्योकि मास्क लगाने से लोग इस मौसम में होने वाली कई बीमारियों से दूर हैं।