आजकल रेव पार्टियों में नशे के लिए हेरोइन, कोकीन और मॉर्फिन के साथ-साथ सांपों के जहर का इस्तेमाल भी बढ़ गया है। एंटी वेनम के तौर पर तो सांपों के जहर का यूज आपने सुना होगा। लेकिन अब उसका इस्तेमाल नशा के रुप में भी होता है। इसके लिए व्यक्ति को सांप के जहर की हल्की डोज दी जाती है। जो उसके दिमाग को सुन्न करने का काम करती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नशे के लिए हाथ की उंगलियां, पंजे और तलवे ही नहीं। बल्कि नशा करने वाला व्यक्ति सीधा जीभ पर सांप से कटवाता है। वैज्ञानिक स्टडीज की मानें तो इस नशे का मानव के शशिर पर 3-4 हफ्तों तक असर रह सकता है। व्यक्ति सांप के जहर से नशा करने के लिए इंजेक्ट यानी इंजेक्शन का भी इस्तेमाल करता है।
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आमतौर पर सांप का जहर व्यक्ति को या तो पैरालाइज कर देता है या उसकी मौत की वजह बनता है। लेकिन नशे के लिए सांप के जहर का इस्तेमाल करते समय यदि इसकी डोज में हल्की सी भी चूक होती है, तो सीधा मौत का कारण बन सकता है। इस नशा के लेने के दो तरीके होते हैं। पहला सीधा सांप से कटवाकर। और दूसरा इंजेक्शन के द्वारा। यदि कोई शख्स या व्यक्ति सीधा सांप से डसवाकर इस जहर को नशे के लिए ले रहा है। तो जहर की मात्रा का अनुमान लगाना मुश्किल होता है। इसमें पाई जाने वाली न्यूरोटॉक्सिसिटी उस व्यक्ति के दिमाग को सुन्न करके इंसान को लंबे वक्त के लिए नशे की हालत में ले जाती है। लेकिन साथ ही इससे पैरालिसिस (Paralysis) या मौत होने का खतरा भी बना रहता है। यह भी पढ़ें