नोएडा। समाजवादी पार्टी छोड़कर पूर्व राज्यसभा सांसद के भाजपा में शामिल होने से मोदी के मंत्री का गणित बिगड़ सकता है। इसका असर गौतमबुद्ध नगर की विधानसभा सीटों पर भी पड़ेगा। इसका कारण भाजपा में शामिल हुए पूर्व राज्यसभा सांसद का पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आैर गृहमंत्री राजनाथ से अच्छी पैठ होना भी है।
अशोक प्रधान खुर्जा लोकसभा से लगातार चार बार सांसद रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में राज्यमंत्री रहे, लेकिन डाॅ. महेश शर्मा के पार्टी में बढ़ते कद के कारण अशोक प्रधान की भाजपा में कदर घट गर्इ थी। अपनी उपेक्षा के कारण अशोक प्रधान ने 9 अप्रैल 2014 को भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। सपा में मुलायम सिंह से नजदीकी बढ़ती गई, जिसके बाद उन्हें सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। बताया जा रहा है कि छह महीने पहले भी अशोक प्रधान ने भाजपा में वापसी की कोशिश की थी, लेकिन कुछ नेताआें के कारण वापस नहीं आ पाए थे। अब उन्होंने सीधा राजनाथ सिंह आैर अमित शाह से पैठ कर ढार्इ साल बाद पार्टी ज्वाइन की है। एेसे में अशोक प्रधान के भाजपा में ज्वाइन करने से महेश शर्मा को बड़ा नुकसान होगा।
खुर्जा से पत्नी लड़ सकती है चुनाव
भाजपा में वापसी करते ही अशोक प्रधान ने खुर्जा विधानसभा सीट पर अपनी पत्नी का दावा ठोक दिया है। माना जा रहा है कि खुर्जा सीट से उनकी पत्नी बिमला को विधानसभा सीट के लिए टिकट मिलेगा। बता दें कि खर्जा सीट पर अशोक प्रधान अच्छा दबदबा है। वह इस सीट से चार बार एमपी चुने जा चुके हैंं। एेसे में पार्टी को भी पूरी उम्मीद है कि उनकी पत्नी भी खुर्जा सीट से विधानसभा का चुनाव जीत लेंगी।
इस नेता को होगा सबसे ज्यादा फायदा
वहीं, अशोक प्रधान ने पहले समय में नवाब सिंह नागर के साथ मिलकर गौतमबुद्ध नगर में भाजपा को खड़ा किया था। दोनों ही भाजपा के पुराने नेता हैंं। इसके साथ ही डाॅ. महेश शर्मा के आने से दोनों को ही पार्टी में भारी नुकसान हुआ। वहीं, भाजपा नेताआें का दावा है कि महेश शर्मा ने ही नवाब सिंह नागर का इस बार भी दादरी विधानसभा का टिकट कटा दिया है। एेसे में अशोक प्रधान के आने से नवाब सिंह को बल मिलेगा। वह पार्टी में नवाबसिंह को दादरी सीट से दावेदारी को लेकर विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिला सकते है।