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नोएडा

कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट और फर्जी डिग्री बनाने वाला जालसाज गिरफ्तार

Highlights
– ऑन डिमांड लोगों की फर्जी डिग्री भी तैयार करता था आरोपी – कोतवाली फेज-2 पुलिस ने जालसाज अब्दुल समद को बीपीएल चौराहे से किया गिरफ्तार- अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट दे चुका है आरोपी

नोएडाFeb 18, 2021 / 10:43 am

lokesh verma

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नोएडा. फेज-2 कोतवाली पुलिस ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जो 5 से 6 हजार रुपए में कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट भी बनाता था। यह जालसाज अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट दे चुका है। इनमें निगेटिव और पॉजिटिव दोनों जांच रिपोर्ट शामिल हैं। इसके अलवा बीटेक, एलएलबी, बीबीए, बीए और एमएससी की फर्जी डिग्री भी ऑन डिमांड तैयार करता था। पुलिस ने आरोपी से 49 फर्जी डिग्री और मार्कशीट बरामद की हैं। आरोपी से कोविड-19 की चार फर्जी रिपोर्ट, विभिन्न प्रमाणपत्र सहित एक मॉनिटर, एक प्रिंटर, एक की-बोर्ड, एक सीपीयू और एक पेपर कटर बरामद किया है। इस मामले में आरोपी अब्दुल का एक साथी अभी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
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बता दें कि कोतवाली फेज-2 पुलिस ने जालसाज अब्दुल समद को बीपीएल चौराहे से गिरफ्तार किया है। आरोपी से कोविड-19 की चार फर्जी रिपोर्ट, बीसीए की चार, बीबीए की दो, बीए की तीन, एमएससी की चार, डीफार्मा की चार, एलएलबी की छह, बीटेक की चार, पॉलिटेक्निक की छह, बीएससी की छह और सीसीएस यूनिवर्सिटी की चार मार्कशीट बरामद की हैं। डीसीपी नोएडा सेंट्रल हरीशचंद्र ने बताया आरोपी ने खुलासा किया है कि वह 5 से 6 हजार रुपए में कोविड-19 की फर्जी जांच रिपोर्ट बनाता था। वह किसी सरकारी या निजी अस्पताल की रिपोर्ट की कॉपी करके उसी तरह की फर्जी रिपोर्ट बनाता था। आरोपी का कहना है कि वह अभी तक 100 से ज्यादा लोगों को कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट दे चुका है। इनमें निगेटिव और पॉजिटिव दोनों जांच रिपोर्ट शामिल हैं।
21 साल से कर रहा फर्जीवाड़ा

डीसीपी ने बताया की आरोपी विभिन्न यूनिवर्सिटी और कॉलेज की फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाता था। वह ग्राहक की हैसियत देखकर उससे पैसे वसूलता था। करीब 21 साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था। उसने फर्जी दस्तावेज बनाने का काम वर्ष 2001 में गाजियाबाद से शुरू किया था। इसके बाद उसे कविनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। कुछ दिन बाद जेल से बाहर आने पर आरोपी ने फिर फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया था। इसके बाद से आरोपी कभी नोएडा तो कभी गाजियाबाद में ऑफिस खोलकर फर्जीवाड़ा कर रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि अधिकतर युवक-युवतियों ने आरोपी से शादी करने के लिए डिग्री और मार्कशीट बनवाई थीं। वह फर्जी मार्कशीट के जरिए खुद को पढ़ा लिखा दिखाकर शादी करते थे। इसके अलावा निजी कंपनियों में नौकरी लगवाने के लिए फर्जी मार्कशीट बनवाई जाती थीं। इस मामले में आरोपी अब्दुल का एक साथी अभी फरार है। वह अब्दुल के लिए ग्राहकों को लेकर आता था। पुलिस उसकी तलाश में अलग-अलग जगह छापेमारी कर रही है।
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