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चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के चक्कर में शरीर के इस खास अंग की देखभाल करना भूल जाते हैं, घर में करें देखबाल पार्लर के बचेंगे पैसे

Monsoon के दौरान घर में पैरों की इस तरह करें देखभाल, पार्लर के बचेंगे पैसे

नोएडाAug 11, 2018 / 04:11 pm

Ashutosh Pathak

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चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के चक्कर में शरीर के इस खास अंग की देखभाल करना भूल जाते हैं, घर में करें देखबाल पार्लर के बचेंगे पैसे

नोएडा। देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। जिसकी वजह से कई इलाको में तो पानी तक जमा हो गया है। अक्सर मानसून सीजन में कीचड़ से सने रास्तों, पानी से लबालब गलियों, ठंडे वातावरण के साथ ही सीलन से पैरों को काफी कुछ झेलना पड़ता है। कॉलेज गोइंग लड़किया ऑफिस जाने वली लड़किया या लड़के इस मौसम में भी जूतों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस मौसम में वे चिपचिपे हो जाते हैं और उसकी वजह से पैरों में दाद, खाज, खुजली तथा लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।
लेकिन मानसून के सीजन में पैरों के देखभाल की अत्याधिक आवश्यकता होती है। आज हम यहां जानेंगे ऐसे ही कुछ खास साधारण सावधानियों और आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में…जिससे आप घर पर ही पांव तथा उंगलियों के संक्रमण से होने वाले रोगों से बच सकते हैं।
मानसून के मौसम में हम अपने चेहरे और त्‍वचा का पूरा खयाल रखते हैं। लेकिन अपने पैरों को अक्‍सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यदि मानसून में आप सावधानी बरतें तो आप इस संक्रमण के खतरे से बच सकते हैं। मानसून के मौसम में अत्याधिक आद्र्रता तथा पसीने की समस्या आम देखने में मिलती है। इस मौसम में पैरों के इर्द-गिर्द के क्षेत्र में संक्रमण पैदा होता है, जिससे बदबू पैदा होती है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि अपने मोजे को प्रतिदिन धोकर साफ करना जरूरी होता है, ताकि दरुगध को रोका जा सके और पैर ताजगी तथा स्वच्छता का एहसास कर सकें।
पैर की उंगलियों के बीच में डाले टैलकम पाउडर-

सुबह नहाते समय पैरों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पैरों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह सूखने दें तथा उसके बाद पैरों की उंगलियों के बीच टैलकम पाउडर का छिड़काव करें। अगर आप बंद जूते पहनते हैं तो जूतों के अंदर टेलकम पाउडर का छिड़काव कीजिए।
सैंडिल का करे प्रयोग-

बरसात के मौसम के दौरान स्लिपर तथा खुले सैंडिल पहनना ज्यादा उपयोगी होता है, क्योंकि इससे पांवों में हवा लगती रहती है तथा पसीने को सूखने में भी मदद मिलती है, लेकिन खुले फुटवियर की वजह से पैरों पर गंदगी तथा धूल जम जाती है, जिससे पांवों की स्वच्छता पर असर पड़ता है।
दिनभर की थकान के बाद घर पहुंचने पर ठंडे पानी में थोड़ा सा नमक डालकर पांवों को अच्छी तरह भिगोइए तथा उसके बाद पांवों को खुले स्थान में सूखने दीजिए। बरसात के गर्म तथा आद्र्रता भरे मौसम में पांवों की गीली त्वचा की वजह से ‘एथलीट फूट’ नामक बीमारी पांवों को घेर लेती है। यदि प्रारंभिक तौर पर इसकी उपेक्षा हो तो यह पांवों में दाद, खाज, खुजली जैसी गंभीर परेशानियों का कारण बन जाती है। यह बीमारी फंगस संक्रमण की वजह से पैदा होती है। इसलिए अगर उंगलियों में तेज खारिश पैदा हो रही हो, तो तत्काल त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लीजिए।
इसके इलावा आप इश तरह भी अपने पांव की बढ़ा सकते हैं खूबसूरती :

फूट सोक : बाल्टी में एक चौथाई गर्म पानी, आधा कप खुरखुरा नमक, दस बूंदे नीबू रस या संतरे का सुंगधित तेल डालिए। यदि आपके पांव में ज्यादा पसीना निकलता है तो कुछ बूंदें टी-ऑयल को मिला लीजिए, क्योंकि इसमें रोगाणु रोधक तत्व मौजूद होते हैं तथा यह पांव की बदबू को दूर करने में मदद करती है। इस मिश्रण में 10-15 मिनट तक पांवों को भिगोकर बाद में सुखा लीजिए।
फूट लोशन : 3 चम्मच गुलाब जल, 2 चम्मच नींबू जूस तथा एक चम्मच शुद्ध ग्लिसरीन का मिश्रण तैयार करके इसे पांव पर आधा घंटा तक लगाने के बाद पांव को ताजे साफ पानी से धोने के बाद सुखा लीजिए।
ड्राइनेस फूट केयर : एक बाल्टी के चौथाई हिस्से तक ठंडा पानी भरिए तथा इस पानी में दो चम्मच शहद एक चम्मच हर्बल शैम्पू, एक चम्मच बादाम तेल मिलाकर इस मिश्रण में 20 मिनट तक पांव भिगोइए तथा बाद में पांव को ताजे स्वच्छ पानी से धोकर सुखा लीजिए।
कुलिंग मसाज आयल : 100 मिली लीटर जैतून तेल, 2 बूंद नीलगरी तेल, 2 चम्मच रोजमेरी तेल, 3 चम्मच खस या गुलाब का तेल मिलाकर इस मिश्रण को एयरटाइट गिलास जार में डाल लीजिए। इस मिश्रण को प्रतिदिन पांव की मसाज में प्रयोग कीजिए। इससे पांवों को ठंडक मिलेगी और यह त्वचा को सुरक्षा प्रदान करके इसे स्वस्थ्य रखेगा।
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