विदेश मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट डीएसपी राजीव सिंह ने बताया कि मोबाइल कराची में पहुंचने की बात सामने आने के बाद मोबाइल में डाले गये सिम नंबर की जानकारी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में दी गर्इ है। डीएसपी ने आशंका जताई है कि अलग-अलग देशों के दिल्ली में पढ़ने वाले छात्रों के माध्यम से यह मोबाइल करांची पहुंचा है। फिलहाल, इस संबंध में पूरी जांच की जा रही है। अब नोएडा पुलिस ने विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर जांच की मांग की है। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से मोबाइल चलाने वाले के पकड़े जाने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि किस गैंग या नेटवर्क के माध्यम से मोबाइल नोएडा से करांची पहुंच गया।
यह था मामला गौरतलब है कि सेक्टर-62 के जेपी इंस्टीट्यूट से सिद्धार्थ कुमार साफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। अप्रैल 2017 में वह इंस्टीट्यूट के बाहर आइफोन पर किसी से बात कर रहे थे। तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने तमंचा लगाकर मोबाइल लूट लिया। कोतवाली सेक्टर 58 में लूट का मामला दर्ज कर लिया गया था। सिद्धार्थ ने एफआइआर के आधार पर नया सिम जारी करा लिया। इसी बीच पिछले दिनों सिद्धार्थ के मोबाइल नंबर पर मैसेज आया, जिससे पता चला कि उनका लुटा हुआ मोबाइल करांची पाकिस्तान में चालू हो गया है। नोएडा पुलिस ने सिद्धार्थ के पास आए नंबर के आधार पर मोबाइल इस्तेमाल करने वाले के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन भारत की सेल्यूलर कंपनियों ने पाकिस्तान के नंबर की जानकारी देने में असमर्थता जता दी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय से मदद लेने का निर्णय लिया गया।