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नोएडा

फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव खत्म, अब इस VIP सीट के लिए सियासी घमासान शुरू

इस वीआईपी सीट को जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।

नोएडाMar 12, 2018 / 01:03 pm

Kaushlendra Pathak

kairana lok sabha seat by election will be conducted soon
नोएडा। रविवार को फूलफुर और गोरखपुर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव समाप्त हो गया। अब सभी को परिणाम का इंतजार है। लेकिन, अब यूपी के कैराना लोकसभा सीट पर सभी राजनीतिक पार्टियों की नजर टिक गई है। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले कैराना सीट पर सपा सेंध मारने की तैयार में जुट गई है। आलम यह है कि टिकट के लिए पार्टी के आलाकमान से पैरवी शुरू हो गई है।
चुनाव की तिथी घोषित होना बांकी

कैरान लोकसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव की तिथि फिलहाल घोषित नहीं की गई है। कयास लगाया जा रहा है कि फूलफुर और गोरखपुर सीट के परिणाम आते ही इस सीट पर चुनाव के लिए तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी तक किसी भी पार्टी ने इस सीट के लिए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है।
कैराना में चुनावी हलचल तेज

कैराना लोकसभा उप चुनाव के लिए सियासी हलचल तेज हो गई है। स्थानीय नेता प्रचार-प्रसार में भी जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस सीट पर मई से जून के बीच चुनाव हो सकते हैं। इस सीट के उप चुनाव की हार-जीत को 2019 लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
इन नामों पर चल रही है चर्चा

कयास लगाया जा रहा है कि इस सीट पर भाजपा सांसद हुकुम सिंह के बेटी मृगांका को अपना प्रत्याशी बना सकती है। क्योंकि, हुकुम सिंह के मौत की सहानुभूति लहर का लाभ उन्हें मिल सकता है। हालांकि, राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. प्रियंवदा तोमर भी इस सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रही है। वहीं, आरएसएस लॉबी के महेंद्र सिंह गुर्जर का नाम भी चर्चाओं में है। इधर, सपा से चौधरी वीरेंद्र सिंह, तबस्सुम हसन व सुधीर पंवार के नामों की जोर-शोर से चर्चा है। सूत्र यह बतातें हैं कि भाजपा का टिकट यदि गुर्जर बिरादरी का हुआ तो सपा जाट प्रत्याशी पर दाव खेल सकती है।
भाजपा के लिए मुश्किल होगी राह

गौरतलब है कि कैराना पलायन प्रकरण से ही लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भाजपा की हवा बनी थी। अब भाजपा के लिए कैराना सीट पर अपना वर्चस्व कायम रखना बड़ी चुनौती है।
हुकुम सिंह के मरने के बाद खाली हो गई है सीट

गौरतलब है कि हाल ही में लंबी बीमारी के बाद सांसद हुकुम सिंह मौत हो गई थी। इसके बाद से यह सीट खाली है। चुकी फुलफुर और गोरखपुर लोकसभा सीट के तारीखों का ऐलान पहले ही हो चुका था। इसलिए, यह सीट पर अब तक खाली। लेकिन, इस चुनाव के खत्म होते ही इस सीट के लिए राजनीति तेज हो गई। साथ ही सभी राजानितिक पार्टियों ने इस सीट के बिसात बिछानी शुरू कर दी है।

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