लाल मंदिर के पुजारी पंडित विनोद शास्त्री बताते हैं कि चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है। जैसा कि सभी जानते हैं कि चांद को लंबी आयु का वरदान भी मिला हुआ है। साथ ही चांद में सुंदरता, प्रेम, प्रसिद्धि, शीतलता और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं। माना जाता है कि सभी महिलाएं इसलिए ही चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि चांद में पाए जाने वाले सभी गुण उनके पति में भी आ जाएं।
पंडित बताते हैं कि छलनी को लेकर एक और पौराणिक कथा बड़ी प्रसिद्ध है। जिसके मुताबिक एक साहूकार के सात लड़के और एक बेटी थी। बेटी ने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। वहीं सातों भाईयों ने अपनी बहन को रात को भोजन करने के लिए आंमत्रित किया। लेकिन बहन ने मना कर दिया और कहा कि जब चांद निकलेगा तभी अर्घ्य देकर वह भोजन करेगी।
वहीं सातों भाईयों ने बहन को खाना खिलाने के लिए एक योजना बनाई। जिसमें उन्होंने दूर कहीं एक दिया रख दियाा और बहन के पास छलनी ले जाकर उसे प्रकाश दिखाते हुए कहा कि चांद निकल आया है। अर्घ्य देकर अब तुम भोजन कर लो। जिससे इस छल से उसका व्रत भंग हो गया और उसका पति बहुत बीमार हुआ। माना जाता है कि तभी से छलनी से चांद देखने की प्रथा शुरू हुई ताकि फिर किसी शादीशुदा महिला के साथ दोबारा ऐसा छल न हो।