नोएडा. नए शस्त्र लाइसेंस (new arms license) बनाने की प्रक्रिया पर प्रशासन की तरफ से रोक लगा दी गई है। साथ ही जमा हुई लाइसेंस की फाइलों पर स्टे लगा दिया गया है। योगी सरकार ने सितंबर माह में सूबे में 2013 से चली आ रही शस्त्र लाइसेंस (gun license) पर रोक को बहाल किया था। लेकिन एक बार फिर से लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को झटका लग गया है। विरोध में लाइसेंस लेने वाले शौकीनों का गुस्सा फूटने लगा है। नए शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगने के बाद में सोशल मीडिया पर लोगों ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे है।
दरअसल में उत्तर प्रदेश में लाईसेंस हथियार की बढ़ती संख्या को देखते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में लाईसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी। नए शस्त्र लाइसेंस पर 2013 में रोक लगाई गई थी। इस दौरान कुछ ही श्रेणियों में लाईसेंस जारी किए गए थे। इनमें अपराध पीड़ित, निशानबाज आदि को ही लाईसेंस दिए गए थे। बाकी के आवेदन कैंसिल कर दिए जाते थे। लेकिन योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद में सितंबर माह में शस्त्र लाइसेंस पर चली आ रही रोक को हटाया था। लेकिन एक बार फिर सेे शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगा दी गई है।
Arms Licence से हटी रोक, ऐसे करें आवेदन, जमा करने होंगे ये कागजात डीएम बीएन सिंह ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदकों की भीड़ की वजह से कामकाज नहीं हो पा रहा है। साथ ही चुनाव की तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं। पिछले 3 माह में करीब 10 हजार फार्म जमा हुए, जबकि दो हजार फाइल सभी प्रक्रिया के बाद डीएम के पास पहुंच चुकी हैं। डीएम ने बताया कि ऐसी स्थिति में नए शस्त्र लाइसेंस की प्रक्रिया जारी रखना संभव नहीं है। डीएम ने लाइसेंस से रोक के निर्देश संबंधित अधिकारियों को भेज दिए है। लोक सभा चुनाव के बाद शस्त्र लाइसेंस की प्रकिया शुरू की जा सकती है। जिला प्रशास की तरफ से इसकी सूचना मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, आयुक्त मेरठ मंडल समेत अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है।
सोशल मीडिया पर लोगों का फूट रहा है गुस्सा सोशल मीडिया पर एडवोकेट अतुल शर्मा ने पोस्ट किया है कि सत्ताधारियों के लाइसेंस बन गए है। सांसद व विधायक के करीबियों के लाइसेंस बनाए गए है। आम आदमी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। आम आदमी को शस्त्र लाइसेंस लेने का अधिकारी नहीं है। करीब दस हजार आवेदन जिला प्रशासन के पास जमा हुए। आवेदकों के साथ में आर्थिक लूट हुई। एडवोकेट अतुल शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने रोक लगाकर आम आदमी के साथ गलत किया है। उन्होंंने बताया कि आवेदकों के साथ हुई आर्थिक लूट का मुद्दा यूपी के सीएम के सामने उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी आवेदकों की डिटेंल इक्टठा की जा रही है।