इस मौके पर उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि शहर में जितने भी खाली भूखंड है। सभी को कूड़ा घर बनाकर रख दिया गया है। सड़कों के किनारों पर कूड़ा भरा हुआ है। डंपिंग की व्यवस्था नहीं होने पर सेक्टर के लोग सड़कों पर ही कूड़ा डाल रहे हैं। इसकी पूर्ण जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की है। वह साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दें। लोगों को किस तरह समझानी हैं और नियमों का पालन कैसे करवानी है। इसके लिए प्राधिकरण को आगे आना होगा। बिल्डिंग साइटों के निरीक्षण के दौरान खुले में पड़ा निर्माण सामग्री, बिना ढकी हुई बिल्डिंग को देखकर वह खासा नाराज हुए। उन्होंने कहा कि यूपीपीसीबी, शासन व पर्यावरण मंत्रालय ने जो भी गाइड लाइन बनाई है। उनका पालन होना जरूरी है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह ड्रामाबाजी यहां नहीं चलेगी। जो बिल्डर पालन नहीं करता उसे सीज किया जाए। इसके लिए मंगलवार को प्राधिकरण बैठक करें। साथ ही एक पेट्रोलिंग टीम बनाए। जिसका काम बिल्डर साइटों की निगरानी करना होगा। खामी पाई जाने पर यह टीम साइट को सीज कर सकती है। उन्होंने कहा कि पहले लोग प्रदूषण विभाग से एनओसी हासिल कर लेते थे। लेकिन अब एनओसी व क्लीयरेंस के लिए पहले पूरी जांच करानी होगी। जिसके बाद ही एनओसी जारी हो सकेगी। यही नहीं प्रदूषण विभाग के कार्यालयों को भी तकनीक से लबरेज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए ग्यारह मुख्य स्टेशन बनाए जाएंगे। फिलहाल सबसे पहले प्राधिकरण को चाहिए बिल्डर साइटों का अवलोकन करें और बढ़ते प्रदूषण को रोकें।