जनपद में चलाया जा रहा तंबाकू के खिलाफ अभियान दरअसल, जिला प्रशासन की ओर से जनपद को तंबाकू मुक्त बनाने का अभियान चल रहा है। एंटी तंबाकू समिति का नोडल अधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्र बनाया गया है। सोमवार को उनको सूचना मिली कि सेक्टर-63 में ब्रेन पल्स कंपनी है, जिसमें ई-सिगरेट बनाने और बेचने का काम किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने सीओ द्वितीय पीयूष कुमार और तंबाकू नियंत्रण विभाग के डॉ. सुनील दोहरे के साथ कंपनी में छापा मारा। वहां पर ई-सिगरेट बनाते 18 लोगों को पकड़ा गया। कंपनी मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। जांच में पता चला है कि कंपनी के अंदर लव लाइट डॉट इन के नाम से वेबसाइट चलाई जा रही थी। वेबसाइट के जरिए कंपनी कच्चा माल मंगाती है और दिल्ली व एनसीआर में ई-सिगरेट की सप्लाई कर रही थी।
ई-सिगरेट बनाने वाले उपकरण मिले कंपनी में पुलिस को कंपनी से विदेशी सिगार और ई-सिगरेट बनाने वाले उपकरण मिले हैं। इनमें छोटी-छोटी बोतलों में लिक्विड निकोटिन, बैटरी ऑपरेटेड मशीनें और अन्य प्रतिबंधित सामान मिला है। वहां से 5 लाख रुपये से अधिक का माल बरामद किया गया है। डॉ. सुनील दोहरे ने कंपनी संचालक अरुण गुप्ता समेत 19 लोगों पर केस दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि कंपनी हर दिन करीब एक से दो लाख रुपये का करोबार करती थी। इसके खरीदारों में अधिकतर दुकानदार व युवा शामिल हैं। पुलिस ने ई-सिगरेट बेचने वाले दुकानदारों की तलाश शुरू कर दी है। सिटी मजिस्ट्रेट
नोएडा शैलेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि कंपनी में ईसिगरेट बनाई जा रही थी। इसको सील कर दिया गया है। मौके से 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुछ दुकानदारों की भी जानकारी मिली है।
क्या है ई-सिगेरट (E Cigarette) ई-सिगेरट (Electronic Cigarettes) बैटरी से चलने वाले उपकरण होते हैं। शरीर में निकोअिन पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का प्रयोग होता है। यह बाहर से सिगरेट के आकार की ही होती है। इसके लास्ट में एक एलईडी बल्ब लगा होता है। कश लगाने पर यह जलता है। इसमें अंदर लिक्विड निकोटिन की कार्टेज होती है। इसका आविष्कार चीनी फार्मासिस्ट हॉन लिक ने किया था। यह कई माह तक चल जाती है।
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