बताया गया है कि बच्चे की तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उसे ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया था। उनका आरोप है कि डॉक्टर कि लापरवाही से हमारे बच्चे की मौत हुई है। दरअसल, नरेश चौधरी सेक्टर-27 में परिवार के साथ रहते हैं। मूल रूप से एटा के रहने वाले नरेश फाइव स्टार होटलों में कांट्रैक्ट पर लेबर सप्लाई का काम करते हैं। इनका बच्चे अयान का 2 दिन बाद पहला जन्मदिन था।
बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया था। उनका कहना कि 2 माह से हमारे बच्चे का इलाज चल रहा था। पिछली 10 तारीख को अस्पताल में मौजूद एक डॉक्टर ने बच्चे को देखने से इंकार कर दिया। जिससे बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई। हमें बच्चे की बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया गया। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर बच्चे को सेक्टर 29 स्थित एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने बच्चे को बिगड़ती हालत देखकर तुरंत वेंटीलेटर पर लगा दिया। इसके बाद बच्चे की करीब 15 घंटे के बाद मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते ही उनके बच्चे की मौत हुई है।
वहीं परिजनों ने इसकी शिकायत कोतवाली 24 पुलिस और अस्पताल के उच्च अधिकारियों से की है। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. अनीश सिंघल का कहना है कि बच्चे को हर संभव उपचार उपलब्ध कराया गया था और रेफर किया था। परिजन इस संबंध में मिले भी थे। उन्हें बच्चे के इलाज की पूरी जानकारी दी गई। उनका कहना है कि मामले की जांच की जा रही है, अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उचित कार्रवाई की जाएगी। बच्चे के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने पंचनामा भर बच्चे को परिजनों को सौंप दिया है।