scriptनोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री होगी महंगी, यूपी सरकार कर सकती है सर्किल रेट में बढ़ोतरी | Registration of land in Noida and Ghaziabad will be expensive | Patrika News
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नोएडा और गाजियाबाद में जमीन की रजिस्ट्री होगी महंगी, यूपी सरकार कर सकती है सर्किल रेट में बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश सरकार जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर सकती है। जिससे नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ समेत पूरे प्रदेशभर में जमीन खरीदना महंगा हो सकता है।

नोएडाAug 18, 2022 / 04:56 pm

Jyoti Singh

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अगर आप दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद में जमीन लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि योगी सरकार जमीन के सर्किल रेट में बढ़ोतरी करने का विचार कर रही है। जिससे नोएडा, गाजियाबाद और हापुड़ समेत पूरे प्रदेशभर में जमीन खरीदना महंगा हो सकता है। इस संबंध में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों से चर्चा मशवरा करने के बाद बताया है कि जमीन की रजिस्ट्री को लेकर सर्किल रेट में बदलाव किए जाएंगे। दरअसल उत्तर प्रदेश में चार वर्ष से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में मुख्य सचिव ने इसका पुनरीक्षण किए जाने की बात कही है।
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पिछले सप्ताह बढ़ाए गए थे प्रॉपर्टी के रेट

बता दें कि नोएडा में पिछले सप्ताह ही बोर्ड की बैठक हुई थी। इस बैठक में नोएडा में प्रॉपर्टी के रेट बढ़ाए गए थे। रेट बढ़ने से इसका सीधा असर यहां जमीन और फ्लैट खरीदने वालों पर पड़ेगा। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने भू-आवंटन दरें 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ाई थी। जबकि आवासीय फ्लैट और वाणिज्यिक भूखंड की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया। वहीं ग्रुप हाउसिंग की दरों में 20 फीसद की बढ़ोतरी की गई। इसके अलावा संस्थागत उपयोग की श्रेणी, जो आवासीय दरों से लिंक्ड नहीं हैं, उनमें भी 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया। फिलहाल यमुना प्राधिकरण की तरफ से एक खाते में शामिल हिस्सेदारों को अलग-अलग आबादी भूखंड आवंटित की जाएगी।
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प्राधिकरण नियम को बदलने की तैयारी में

बता दें कि 24 अगस्त को होने वाली नोएडा प्राधिकरण की बैठक में यमुना प्राधिकरण की तरफ से यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। दरअसल यमुना प्राधिकरण किसानों की अधिगृहीत या सहमति से ली जाने वाली जमीन की एवज में 7 प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित करता है। वर्तमान में नियम है कि एक खाते में हिस्सेदारों को एक ही भूखंड आवंटित किया जाता है। इससे परिवार में भूखंड के बंटवारे और उसके विक्रय परेशानी आती है। सभी सदस्यों के बीच सहमति नहीं बनने की स्थिति में भूखंड विक्रय नहीं हो पाता। इसी समस्या के समाधान के लिए फिलहाल प्राधिकरण नियम को बदलने की तैयारी में है।

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