scriptBike Bot Scam: एसटीएफ़ को मिली बड़ी कामयाबी, 50 हज़ार के दो इनामी और निदेशक समेत तीन गिरफ्तार | Stf arrested three in bike bot scam | Patrika News
नोएडा

Bike Bot Scam: एसटीएफ़ को मिली बड़ी कामयाबी, 50 हज़ार के दो इनामी और निदेशक समेत तीन गिरफ्तार

Highlights
-एसटीएफ़ कि टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि बाइक बोट घोटाला मामले के दो आरोपी हापुड़ चुंगी से गुजरने वाले हैं
-गिरफ्तार किए गए लोगो के गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव निवासी सचिन भाटी और पवन भाटी शामिल हैं
-सचिन भाटी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्रा.लि. में निदेशक के पद पर तैनात रहा है

नोएडाOct 08, 2020 / 08:35 am

Rahul Chauhan

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ग्रेटर नोएडा। बाइक बोट फर्जीवाड़े में ग्रेटर नोएडा पुलिस और एसटीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। जब इस फर्जीवाड़े के के आरोपी 50 हजार के इनामी समेत तीन लोगो को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्रा.लि. का निदेशक रहा है। एसटीफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ बाइक बोट घोटाले में दादरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस की केस डायरी में फर्जीवाड़े के 38 आरोपियों के नाम हैं। पुलिस और ईओडब्ल्यू मेरठ की टीम 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी थीं। 25 आरोपी फरार थे। पिछले माह ही संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल, करनपाल, जालंधर निवासी रविंद्र, उसकी पत्नी रेखा, ललित और भूदेव पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
मंगलवार को एसटीएफ़ कि टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि बाइक बोट घोटाला मामले के दो आरोपी हापुड़ चुंगी से गुजरने वाले हैं। इस सूचना पर टीम ने घेराबंदी की। कुछ ही देर बाद एक एक कार को रोक कर उसमें बैठे लोगों की पहचान होने पर गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगो के गौतमबुद्ध नगर के चीती गांव निवासी सचिन भाटी और पवन भाटी शामिल हैं। दोनों सगे भाई हैं। इनमें से सचिन भाटी गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्रा.लि. में निदेशक के पद पर तैनात रहा है। बाइक बोट घोटाला मामले में फरार रहने पर दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इनका एक और भाई संजय भाटी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। उस पर भी 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में एक अन्य अभियुक्त मेरठ निवासी करणपाल सिंह पुत्र केहरी सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
सचिन-पवन संजय भाटी के भाई बताए गए हैं। तीनों ने संजय भाटी के फरार होने के बाद फर्जीवाड़े की कमान संभाली थी और निवेशकों को अग्रिम तिथि के लाखों चेक देकर झांसा दिया था। वहीं, फर्जीवाड़े की रकम को ठिकाने लगाने के अलावा संपत्ति की खरीद फरोख्त में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। करनपाल ने ही अरबों के फर्जीवाड़े में एनसीआर व देश के हजारों सैनिक व पूर्व सैनिकों के करोड़ों रुपये फंसवाए थे। गिरफ्तार आरोपियों ने फर्जीवाड़े की रकम को ठिकाने लगाने व संपत्ति खरीद फरोख्त में भी संजय भाटी की मदद की है।

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