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Apple I-phone के लिए इस लड़के ने 9 साल की उम्र में बनाया था ऐप, 15 के हुए तो दुनियाभर में चमका नाम

locationनोएडाPublished: Oct 05, 2018 01:20:32 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

हम अक्सर उम्र को समझदारी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन कुछ बच्चे इस धारणा को झुठलाकर बड़ी उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं।

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Apple I-phone के लिए इस लड़के ने 9 साल की उम्र में बनाया था ऐप, 15 के हुए तो दुनियाभर में चमका नाम

नोएडा। हम अक्सर उम्र को समझदारी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन कुछ बच्चे इस धारणा को झुठलाकर बड़ी उपलब्धियां हासिल कर लेते हैं। ऐसा ही एक कारनाम कर दिखाया तन्मय बख्शी ने। जो वर्तमान में सिर्फ 15 साल की उम्र में तकनीक की दुनिया का चमकता सितारा हैं। इतना ही नहीं, 9 साल की उम्र में तन्मय एप्पल के आई फोन के लिए एप बना चुके हैं और महज 5 साल की उम्र से ही वह कोडिंग कर रहे हैं।
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सेक्टर-125 स्थित एमिटी एमिटी इंस्टीट्यूट आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के छात्रों के बीच अपने अनुभव को साझा करने के लिए युवा आईबीएम वाटसन कोडर एवं टेड स्पीकर मास्टर तन्मय बक्शी पहुंचे। यहां इन्होंने छात्रों के साथ अपने तकनीकी ज्ञान को साझा किया और छात्रों के जिज्ञासों और प्रश्नो के उत्तर दिये।
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छात्रों को संबोधित करते हुए कार्यक्रम में आईबीएम वॉटसन और कृतिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) से जुड़ी तकनीकी बारीकियों और मशीन लर्निंग अल्गोरिथम के साथ-साथ अपनी जिंदगी के बेहतरीन सफ़र के अनुभवों को तन्मय ने साझा किया। ज्ञात हो कि आईबीएम वॉटसन 500GBps की गति से काम करने में सक्षम है, जो लगभग 10 लाख किताबें प्रति सेकंड डेटा के बराबर है। इस दौरान कई गैर-तकनीकी मज़ेदार प्रतियोगिताओं और वर्कशॉप्स में प्रतिभागियों के साथ-साथ युवाओं को सीधे तन्मय से सवाल पूछने का मौका भी मिला ।
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मशीन लर्निंग एवं आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तकनीक का स्वास्थ उद्योग में लाभों के बारे में तन्मय बक्शी ने बताया कि वह ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जो स्वाभाविक रुप से संवाद ना कर पाने वाले लोगों को कृत्रिम संचार तकनीक प्रदान करेगा और यह संचार तकनीक मरीज में ईसीजी वेव सिग्नल को समझ कर पहचान कर और विश्लेषण के जरिए संवाद स्थापित करने में मदद करेगा। उन्होंने अपने कई महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट क्योंकि स्वास्थ्य उद्योग में योगदान दे रहे हैं सहित किशोरों में आत्महत्या को रोकने के लिए अवसाद के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानने की तकनीको अधिक ज्ञान अर्जित करने के बारे में बताया।
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इस मौके पर अमेठी इंस्टीट्यूट आफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉक्टर सुनील खत्री ने छात्रों से कहा कि मास्टर तत्वदर्शी से सभी छात्रों को प्रेरणा लेनी चाहिए। इतनी छोटी उम्र में बड़ा मुकाम हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि है।
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