दरअसल, हाईस्कूल के परिणाम के लिए यूपी बोर्ड ने कक्षा 9 व 10वीं प्री-बोर्ड के अंकों को 50-50 प्रतिशत अधिभार देते दिया है। जिसमें कक्षा 9 में छात्रों को जो अंक हासिल हुए उन्हें 50 प्रतिशत महत्व दिया गया है, जबकि 10वीं की छमाही परीक्षा के अंकों को नहीं जोड़ा है। कारण, यूपी बोर्ड में छमाही परीक्षा की अनिवार्यता नहीं है। उधर, इंटरमीडिएट का रिजल्ट तैयार करने के लिए यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल के अंकों को 50 प्रतिशत, 11वीं की वार्षिक-अर्धवार्षिक परीक्षा के अंकों को 40 फीसदी और कक्षा 12 के प्री-बोर्ड रिजल्ट के 10 फीसदी अंकों को जोड़ा है।
इतने छात्रों ने दी थी परीक्षा जानकारी के लिए बता दें कि इस बार हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 56,03,813 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें 29,94,312 छात्र कक्षा 12वीं के हैं, जबकि इंटरमीडिएट के छात्रों की संख्या 26,09,501 है। कोरोना महामारी के चलते परीक्षा रद्द होने के कारण बोर्ड ने इस बार सभी छात्रों को पास करने का निर्णय लिया है। वहीं इस वर्ष वैक्लिपक फूर्मूले के चलते कोई टॉपर भी नहीं होगा।