scriptगुलेल से वार करने वाले इस गैंग का बदमाश पुलिस की गोली का शिकार, 12 घंटे में चार मुठभेड़ में 5 बदमाश घायल- देखें वीडियो | UP Police Encounter In Ghaziabad Noida Bulandshahr and Meerut | Patrika News

गुलेल से वार करने वाले इस गैंग का बदमाश पुलिस की गोली का शिकार, 12 घंटे में चार मुठभेड़ में 5 बदमाश घायल- देखें वीडियो

locationनोएडाPublished: Nov 23, 2018 10:05:38 am

Submitted by:

sharad asthana

नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच सेक्टर-54 के ग्रीन बेल्ट के पास मुठभेड़ हुई

encounter

encounter

नोएडा। यूपी पुलिस ने बीते 12 घंटे में वेस्‍ट यूपी के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में चार मुठभेड़ में पांच बदमाश गोली मारकर घायल कर दिए। इनमें नोएडा में एक, गाजियाबाद में दो, मेरठ में एक और बुूलंदशहर में एक बदमाश घायल हुआ है।
यह भी पढ़ें

खुशखबरी: आपका मोबाइल चोरी होने या खोने पर घर पर दे जाएगी पुलिस, बस भरिए यह फॉर्म

नोएडा के सेक्‍टर-54 में हुई मुठभेड़

गुरुवार रात करीब 10 बजे नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच सेक्टर-54 के ग्रीन बेल्ट के पास मुठभेड़ हुई। इसमें ठक-ठक गिरोह का एक बदमाश साबिर गोली से घायल हो गया जबक‍ि गिरोह का सरगना पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। घायल बदमाश साबिर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से बिना नंबर प्लेट की बाइक, पिस्तौल और कारतूस बरामद किए हैं। फरार बदमाश का नाम इंदरजीत है। ठक-ठक गिरोह दिल्ली के मदनगीर से पूरे एनसीआर में आॅपरेट करता है।
यह भी पढ़ें

अपने किए की सजा भुगतने के लिए हाशिमपुरा नरसंहार के 16 आरोपियों में से 4 पीएसी जवान ही पहुंचे कोर्ट

घिर जाने पर इंस्‍तेमाल करते हैं हथियार

सीओ सेकंड नोएडा राजीव सिंह का कहना है क‍ि यह गिरोह ड्राइवर और कार मालिक का ध्यान बंटाकर गाड़ी में रखे सामान पर हाथ साफ कर लेते थे। इस गैंग के सदस्य गुलेल और छर्रे से चंद मिनटों में कार का शीशा तोड़कर भी चोरी करते हैं। हालांकि, घिर जाने या पकड़े जाने पर ये हथियार का इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकते हैं।
यह भी पढ़ें
बड़ी खबरः

इस छोटी सी बात पर पिता ने बेटे की हत्या कर एेसी जगह फेंका शव, पूरी कहानी जानकर सन्न रह जाएंगे आप

500 से 600 बदमाश हैं गिरोह में

ये बदमाश गिरोह को डेरा के नाम से पुकारते हैं। दिल्ली के मदनगीर में इन बदमाशों के करीब 100 डेरे हैं। हर डेरे में 5-6 सदस्य हैं। इस तरह से 500 से 600 लोग इस चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे। साउथ इंडिया के रहने वाले ये आदिवासी जाति के हैं, लेकिन इनकी भाषा तमिल, तेलगु या कन्नड़ नहीं है। इन्होंने आपसी बातचीत के लिए अपनी कोडवर्ड की अलग भाषा तैयार कर रखी है। इस गिरोह का सरगना इंदरजीत अब तक सैकड़ों चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो