सीबीडीटी ने पिछले महीने तक देश की विभिन्न अदालतों में काला धन अधिनियम और आयकर अधिनियम के तहत 46 मामले दायर किए हैं। वहीं, 83 मामलों में तलाशी इत्यादि की गई है। आरटीआइ के जवाब से पता चला कि सीबीडीटी ने उन लोगों से 142 करोड़ का कर वसूल किया है, जिनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है। पुलित्जर विजेता खोज ‘पनामा पेपर्स’ के तहत भारत समेत दुनियाभर के धनकुबेरों की छिपाई संपत्ति का खुलासा किया गया था।
ऐसे हुआ संपत्ति का खुलासा-
वर्ष 2016 में दुनिया के 100 मीडिया संस्थानों के संगठन कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) ने पनामा की लॉ फर्म मोसैक फोन्सेका से प्राप्त लगभग 1.15 करोड़ गुप्त दस्तावेज के जरिए छिपाई गई संपत्ति का खुलासा किया था। इस खुलासे ने दुनियाभर की राजनीति में तूफान पैदा किया था। भारत से द इंडियन एक्सप्रेस अखबार पनामा पेपर्स ग्लोबल इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा था, जिसने भारत से संबंधित खुलासे किए थे।
500 भारतीयों के नाम भी शामिल-
इन दस्तावेज में तकरीबन 500 भारतीयों के भी नाम हैं, जिनमें अभिनेता अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलएफ के प्रमुख केपी सिंह, उद्योगपति समीर गहलोत आदि प्रमुख हैं। इससे पहले आरटीआइ के तहत ही जानकारी हासिल हुई थी कि पनामा पेपर्स को लेकर जून 2019 तक 1,564 करोड़ रुपए और अप्रेल 2018 तक 1,088 करोड़ रुपए का पता लगाया गया था। नए आंकड़ों के अनुसार जून 2021 तक यह राशि 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गई है।
स्विस बैंकों में भी बढ़ गया है भारतीयों का जमा धन-
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक की तरफ से 17 जून को जारी सालाना डेटा के मुताबिक साल 2020 के दौरान स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और संस्थानों व कंपनियों का जमा धन बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 20,700 करोड़ रुपए) से अधिक हो गया।
दुनियाभर में वसूला 10 हजार करोड़ रुपए का कर व जुर्माना-
आइसीआइजे ने आकलन कर बताया है कि पनामा पेपर्स खुलासे के बाद से दुनिया भर में 1.36 बिलियन डॉलर (करीब 10 हजार करोड़ रुपए) से अधिक के टैक्स और जुर्माने की वसूली हुई है। इसमें से सबसे ज्यादा टैक्स ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस व ऑस्ट्रिया में वसूला गया है।