पहला लौह रथ… इसे पहला ‘लौह रथ’ बताया जा रहा है। इसे 7 जनवरी को दो मंजिला बरामदे से निकाला गया। पुरातत्त्वविदों का मानना है कि अब तक खोज में सवारी और सामान ढोने वाली गाडिय़ां ही मिलती रही हैंं। पहला मौका है, जब हजारों साल पुराना अनुष्ठानिक वाहन मिला है।
लुटेरों की नजर से भी बचा रहा…
79 ईस्वी में ज्वालामुखी माउंट वेसुवियस के विस्फोट के बाद पोम्पेई में सब तहस-नहस हो गया था। यह रथ उसी समय का माना जा रहा है। यह छत और दीवारें गिरने से बीच में दब गया था। यह महत्त्वपूर्ण पुरासामग्री लुटेरों से बची रही। ऐसे लुटेरे सुरंगे खोदकर प्राचीन सामग्री चुराने में जुटे रहते हैं। कोई इस रथ को नुकसान नहीं पहुंचा पाया।