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ओपिनियन

चेहरा पहचानने की तकनीक पर सवाल उठा रहे नागरिक अधिकार समूह

– राष्ट्रपति को पत्र लिखने वाले समूह का मानना है कि डेमोक्रेटिक सरकार सॉफ्टवेयर पक्षपात और निजता के मुद्दे को पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा तरजीह देगी ।

नई दिल्लीFeb 23, 2021 / 09:25 am

विकास गुप्ता

चेहरा पहचानने की तकनीक पर सवाल उठा रहे नागरिक अधिकार समूह

चेहरा पहचानने की तकनीक पर सवाल उठा रहे नागरिक अधिकार समूह

ड्रयू हार्वेल, टेक्नोलॉजी रिपोर्टर

अमरीका में नागरिक अधिकार समूह राष्ट्रपति जो बाइडन से आग्रह कर रहे हैं कि वे चेहरा पहचानने संबंधी तकनीक के खिलाफ कोई कदम उठाएं। उनका कहना था कि तेजी से बढ़ती सॉफ्टवेयर तकनीकें अमरीकियों के जीवन पर गहरा असर डालने वाले अप्रत्याशित जोखिम का संकेत हैं। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और 40 से ज्यादा समूहों ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर आग्रह किया कि वे संघीय इस्तेमाल के लिए ऐसी तकनीक और सरकारों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) टूल्स खरीदने के लिए संघीय फंड के इस्तेमाल पर रोक लगाएं।

इन समूहों का मानना है कि डेमोक्रेटिक सरकार सॉफ्टवेयर पक्षपात और निजता के मुद्दे को पिछली सरकार के मुकाबले ज्यादा तरजीह देगी। उनका तर्क है कि फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का विस्तार करना बाइडन के पहले संबोधन के विपरीत है, जिसमें उन्होंने समानता, नागरिक अधिकार और नस्लीय न्याय की बात कही थी। अनुसंधानों में पाया गया है कि यह तकनीक सौ फीसदी सही नतीजे नहीं देती। इस तकनीकी खामी की वजह से पुलिस ने तीन अश्वेतों को गलती से गिरफ्तार कर लिया था। वकीलों के एक वर्ग का मानना है कि कानूनी संस्थाएं व अन्य चेहरा पहचान पद्धति के पक्षकार यह अवश्य मानेंगे कि फोन अनलॉक करने और यात्री पहचान के लिए काम में ली जाने वाली यह तकनीक वांछित फरार अपराधियों को पकडऩे के काम आएगी। वाइट हाउस ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की हैै। तकनीक विकसित करने वालों का कहना है कि पहचान की यह तकनीक समय के साथ और बेहतर होगी, पर राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों द्ग एमनेस्टी इंटरनेशनल, इलेक्ट्रॉनिक फ्रंटियर फाउंडेशन, फ्रीडम हाउस और कुछ वामपंथियों द्ग का कहना है कि बात तकनीक के सटीक होने या न होने की नहीं है, यह नागरिक अधिकारों के लिए प्रत्यक्ष खतरा है, क्योंकि सरकार इसका इस्तेमाल मासूम जनता पर नजर रखने के लिए कर सकती है।

द वाशिंगटन पोस्ट

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