scriptचीन की चाल | cunning china and its policies | Patrika News
ओपिनियन

चीन की चाल

दरअसल, चीन तो भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में एंट्री में भी बाधक बना हुआ है। चीन की ये कार्रवाई भारत के वृहद शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम में रोड़ा बनकर उभर रही हैं।

Feb 18, 2017 / 11:03 am

पुरानी कहावत है कि आप अपने पड़ोसी का चयन नहीं कर सकते हैं। भारत के साथ भी कुछ ऐसा ही है। पश्चिम में पाकिस्तान तो उत्तर-पूर्व में चीन के साथ हमारी सरहदें लगती हैं। और चीन तथा पाकिस्तान का नापाक गठजोड़ हमारे लिए परेशानियों का सबब बनता रहता है। चीन के साथ हमारा सीमा विवाद वर्षों से सुलझ नहीं पाया है। 
कई सरकारें आईं और गईं लेकिन वार्ता के दौर सार्थक साबित नहीं हो पाए। बीजिंग में 22 फरवरी को विदेश सचिव जयशंकर और चीनी उपविदेश मंत्री झांग येसुई के बीच रणनीतिक वार्ता का नया दौर शुरू होगा। 
इससे पहले चीन ने फिर चाल चल दी है। कहा, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों पर सहमति देने से पहले भारत को मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूत देने होंगे। जबकि भारत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से समय-समय पर आतंकवादी मसूद अजहर के खिलाफ अकाट्य तथ्य देता रहा है। लेकिन चीन इस ओर आंखें मूंदे हुए हैं। दरअसल, चीन की रणनीति है कि इस तरह से वह पाकिस्तान के हितों को भी पुष्ट करता रहेगा और भारत के लिए भी सिरदर्द बना रहेगा। 
दरअसल, चीन तो भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में एंट्री में भी बाधक बना हुआ है। चीन की ये कार्रवाई भारत के वृहद शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम में रोड़ा बनकर उभर रही हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि अजहर मसूद और एनएसजी के मुद्दे अलग-अलग हैं। 
बयान के स्तर पर तो ये बात अलग हो सकती है लेकिन यदि हम कूटनीतिक रूप से आकलन करें तो ये स्पष्ट रूप से चीन की कुत्सित चालें हैं। विदेश सचिव को वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष को मजबूती से रखना ही होगा।

Home / Prime / Opinion / चीन की चाल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो