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नेतृत्व : डेटा प्रबंधन ही नहीं है ‘डेटा लीडरशिप’

डेटा लीडर के प्रमुख प्रयास किसी संगठन में डेटा के प्रभावी प्रबंधन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसा तंत्र बनाने पर आधारित है जहां डेटा से मूल्य निर्माण की प्रक्रिया उत्प्रेरित होती है, डेटा से एक कुशल प्रदर्शन उत्पन्न करने के लिए प्रक्रियाओं का शोधन किया जाता है और संसाधनों का न्यूनतम उपयोग होता है।

नई दिल्लीOct 11, 2021 / 08:45 am

Patrika Desk

नेतृत्व : डेटा प्रबंधन ही नहीं है 'डेटा लीडरशिप'

नेतृत्व : डेटा प्रबंधन ही नहीं है ‘डेटा लीडरशिप’

प्रो. हिमांशु राय , (निदेशक, आइआइएम इंदौर)

यह जरूरी नहीं कि एक डेटा लीडर को डेटा साइंस और स्टैटिस्टिक्स का विशेषज्ञ होना चाहिए, हालांकि निरंतर विकास करने के उद्देश्य से अंतत: एक लीडर में इन्हें सीखने की मानसिकता होना आवश्यक है। संगठन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ से लेकर फ्रंटलाइन कर्मचारियों तक, कोई भी डेटा लीडर बन सकता है। डेटा लीडर के प्रमुख प्रयास किसी संगठन में डेटा के प्रभावी प्रबंधन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसा तंत्र बनाने पर आधारित है जहां डेटा से मूल्य निर्माण की प्रक्रिया उत्प्रेरित होती है, डेटा से एक कुशल प्रदर्शन उत्पन्न करने के लिए प्रक्रियाओं का शोधन किया जाता है और संसाधनों का न्यूनतम उपयोग होता है।

डेटा लीडर नीतियों और प्रथाओं को अपनाने और बढ़ावा देने और डेटा स्टोरीटेलिंग जैसे उपकरणों के उपयोग से एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे सकता है (पूर्व डेटा के बारे में डेटा की आकर्षक प्रस्तुति के माध्यम से डेटा से मूल्य संवर्धन की आवश्यकता के बारे में रचनात्मक रूप से संचार करता है), जहां डेटा कार्य से सम्बन्ध रखने वाले कर्मचारियों की सभी गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया जाता है और कुछ और मूल्यों व विचारों को आमंत्रित कर मान्यता दी जाती है।

कर्मचारियों को नियमित डेटा कार्यों पर विचार करना चाहिए कि कैसे डेटा कैप्चर और प्रबंधन की प्रक्रिया में सुधार किया जा सकता है, या यह कि इसे फिर से कैसे डिजाइन किया जा सकता है ताकि मूल्य परिमाण को अधिकतम किया जा सके – या तो समय और प्रयासों को कम करके या उत्पादन बढ़ाने के तरीके खोज कर।

एल्गमिन ने सुझाव दिया है कि इसके लिए एक मूल्य-चक्र प्रारंभ किया जा सकता है, जहां प्रत्येक पुनरावृत्ति अधिक मूल्य जोड़ सकती है या कम से कम महत्त्वपूर्ण सुधार शुरू कर सकती है, और इसके पश्चात, निरंतर मूल्यवर्धन की एक प्रणाली को प्रेरित किया जाता है। मूल्य चक्र के चरण, जिसे ‘सिम्पल वर्चुअस साइकल’ कहते हैं, इस प्रकार हैं।
1. अवलोकन: डेटा/ज्ञान कार्यकर्ता वर्तमान प्रक्रियाओं, उनकी सीमाओं और बाधाओं पर ध्यान देते हैं।
2. समझ: इस चरण में, कर्मचारी अंतर्निहित ढांचे और उसकी ताकत और कमजोरियों को समझते हैं।
3. वर्तमान प्रणाली का मापन: वर्तमान प्रणाली में लागत या उद्देश्यों की प्राप्ति के संदर्भ में उत्पन्न मूल्य को मापा जाता है।
4. संभावित सुधारों की पहचान: समाधान या सुधार के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की जाती है।
5. सर्वोत्तम समाधान का निर्णय करना: विकल्पों में से सबसे उपयुक्त समाधान का चयन किया जाता है।
6. कार्यान्वयन: आवश्यक नीति और प्रक्रिया परिवर्तनों को परिचालित किया जाता है और स्थिरता के लिए परीक्षण किया जाता है।
7. सुधार मापन: मूल्य में वृद्धि को मापा जाता है।

यह स्पष्ट है कि डेटा लीडरशिप के लिए जितना महत्त्वपूर्ण व्यावहारिक पहलू है, उतना ही तकनीकी पहलू भी। यदि डेटा विश्लेषण और प्रबंधन से जुड़े मुद्दों का सटीक ज्ञान हो, तो अपने संगठन में डेटा पर काम करने वाले पारंपरिक लीडर भी डेटा लीडर बन सकते हैं।

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