जयपुरPublished: Dec 20, 2018 07:43:32 pm
dilip chaturvedi
कई विश्लेषकों का अनुमान है कि विश्व एक और शीत युद्ध की ओर अग्रसर हो रहा है। ऐसे में अमरीका और चीन दोनों वैश्वीकरण से जैसे-जैसे दूर होंगे, भारत की भूमिका और अहम हो जाएगी। एक उपाय है जिससे भारत इस संकट को खुद के लिए मौके में बदल सकता है - व्यापार शर्तों का उदारीकरण।
प्रणय कोटस्थाने, नीति विश्लेषक
विश्व व्यवस्था के घटनाक्रम में हाल ही तीव्रता से बदलाव हुए हैं। अमरीका और चीन के बीच में 1971 से शुरू हुआ तालमेल का सिलसिला आज एक शीत युद्ध में तब्दील हो गया है। चूंकि आज चीन विश्व का दूसरा सबसे शक्तिशाली देश है, अमरीका और उसके रिश्तों में आए बदलाव का असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। हाल ही में हमने देखा कि कनाडा ने अमेरिका के दबाव में एक बड़ी चीनी कंपनी के सीएफओ को हिरासत में ले लिया। उसके जवाब में चीन ने कनाडा के ही एक उद्योगपति, और एक पूर्व राजनयिक को हिरासत में ले लिया है। यह संकेत इस बात का है कि चीन और अमेरिका के बीच यह शीत युद्ध जारी रहेगा, और दोनों में से किसी एक का पक्ष लेने वाले अन्य देशो को भी अंजाम भुगतने होंगे।