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संयुक्त राष्ट्र : झूठे भाषण का दुस्साहस, भारत ने दिया जवाब

इमरान खान संयुक्त राष्ट्र सभा की आम सभा के रिकॉर्डेड भाषण के बाद ही विवादों में आ गए। भारत की युवा प्रतिनिधि स्नेहा दुबे ने इमरान खान को जो जवाब दिया, वह लाजवाब करने के लिए काफी था। इमरान खान के झूठ पर उनके ही देश में उनके खिलाफ लोग मुखर हो उठे।

नई दिल्लीOct 05, 2021 / 09:43 am

Patrika Desk

संयुक्त राष्ट्र : झूठे भाषण का दुस्साहस, भारत ने दिया जवाब

संयुक्त राष्ट्र : झूठे भाषण का दुस्साहस, भारत ने दिया जवाब

शुजाअत अली कादरी, (मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष)

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर झूठ का सहारा लिया, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने कश्मीर का राग अलापा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तो इंतहा ही कर दी। जिनपिंग ने कहा कि चीन ने कभी किसी देश पर हमला नहीं किया है। इमरान खान संयुक्त राष्ट्र सभा की आम सभा के रिकॉर्डेड भाषण के बाद ही विवादों में आ गए। भारत की युवा प्रतिनिधि स्नेहा दुबे ने इमरान खान को जो जवाब दिया, वह लाजवाब करने के लिए काफी था। इमरान खान के झूठ पर उनके ही देश में उनके खिलाफ लोग मुखर हो उठे।

इमरान खान ने कहा था कि अफगानी ‘मुजाहिदीन’ को तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने अपने आवास पर अमरीका बुलवाया और इन्हें (मुजाहिदीन को) ‘हीरो’ का दर्जा दिया गया। इमरान खान के शब्दों में एक समाचार के मुताबिक, ‘उन्होंने (रीगन) ने उन (मुजाहिदीन) की अमरीका के संस्थापकों से तुलना तक की। वे हीरो थे।’ पाकिस्तान की पत्रकार गार्दिया फारूकी ने जवाब में लिखा कि संयुक्त राष्ट्र आम सभा में हमारे लिए यह क्षोभ की घड़ी है।

रीगन ने कभी भी मुजाहिदीन की अमेरिका के संस्थापकों से कभी तुलना नहीं की। फारूकी ने कहा कि इमरान खान ने फेक न्यूज का सहारा लिया है और उन्हें अपनी कॉपी लिखने वाले को नौकरी से निकाल देना चाहिए। मरियम नवाज शरीफ ने गार्दिया की इसी बात को रिट्वीट करते हुए लिखा कि इमरान खान को ही निकाल देना चाहिए। पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने कहा कि रोनाल्ड रीगन और अफगानी मुजाहिदीन पर इमरान खान 2019 में भी झूठ बोल चुके हैं। कश्मीर की बात उठाए बिना पाकिस्तान कहां मानेगा? मगर इमरान खान के झूठ को भारतीय राजनयिक स्नेहा दुबे ने बेअसर कर दिया। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने मान लिया है कि पाकिस्तान आतंकी कारनामों का बचाव करता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी, कोरोना और वैश्विक खतरों की तरफ सभी का ध्यान आकर्षित किया। आतंकवाद पर चिंता जताई और अफगानिस्तान की धरती के आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने की आशा व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी ने जब दुनिया के समुद्रों को साझा बताया, तो उनका इशारा यही था कि ताइवान, हॉन्गकॉन्ग, वियतनाम और जापान को चीन डरा रहा है। यह आशंका सच साबित होती दिखी जब शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र में 21 सितम्बर को भाषण दिया और 29 सितम्बर को उत्तर कोरिया ने जापान के जलक्षेत्र में एक मिसाइल का परीक्षण किया। सब जानते हैं कि उत्तर कोरिया को चीन की शह हासिल है।

भाषण में एक जगह शी जिनपिंग ने चीन को ‘अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के रक्षक’ बताया जबकि सब जानते हैं कि चीन का भारत समेत हर पड़ोसी के साथ सीमा विवाद है। अपने घरेलू मसलों में जनता का ध्यान भटकाने के लिए चीन हर पड़ोसी देश के साथ यह हरकत करता है और बहुत ही विश्वास के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा में झूठ भी बोल लेता है। जब शी जिनपिंग यह भाषण दे रहे थे इसके ठीक 20 दिन पहले चीनी सेना ने भारत के उत्तराखंड से लगती सीमा का उल्लंघन किया। चीन कोरोना के बाद से आर्थिक दबाव और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है। वहां बिजली का भी भारी संकट पैदा हो गया है, जिससे औद्योगिक उत्पादन पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। चीनी जनता को अंतरराष्ट्रीय सीमा विवाद की सुर्खियों से ख़ुश करने और संयुक्त राष्ट्र में झूठ बोलने से चीन की साख कम हुई है।

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