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क्या विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र खतरे मे है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

Sep 26, 2021 / 04:09 pm

Gyan Chand Patni

क्या विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र खतरे मे है?

क्या विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र खतरे मे है?

अफगानिस्तान में लोकतंत्र खत्म
विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र खतरे में है। ताजा उदाहरण अफगानिस्तान है, जहां पर तालिबान का कब्जा हो गया है। कई देश आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए जूझ रहे हैं। आतंकी संगठन कई देशों पर अपनी हुकूमत कायम करने का प्रयास कर रहे हैं।
-प्रकाश चन्द्र राव , भीलवाड़ा
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संयुक्त राष्ट्र की चुप्पी
अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार को हटाकर चरमपंथी संगठन तालिबान ने सत्ता हथिया ली। अफगानिस्तान ही नहीं म्यांमार और फिजी में भी तख्तापलट ने लोकतांत्रिक सरकार का गला घोंट दिया। कई देशों में निर्वाचित सरकारों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र और विकसित देशों के मौन ने समस्या बढ़ाई है।
-मदनलाल लम्बोरिया, भिरानी
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जरूरी है मजबूत लोकतंत्र
विश्व के विभिन्न देशों में लोकतंत्र लड़खड़ाता नजर आ रहा है। तानाशाहों का प्रभाव बढ़ रहा है। कुछ देशों में तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खत्म हो चुका है। अफगानिस्तान इसका ज्वलंत उदाहरण है। देश के सर्वांगीण विकास के लिए मजबूत लोकतंत्र का होना अति आवश्यक है। लोकतंत्र के कमजोर होने से आमजन के मानवाधिकारों का हनन व तानाशाही शासन देखने को मिलता है।
-अनुपम कुमार, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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लोकतांत्रिक देश एकजुट हों
जिन देशों पर तानाशाहों का कब्जा हो होता है, वे आक्रमणकारी हैंं। ऐसे देश ताकतवर प्रजातांत्रिक देशों को भी कमजोर मानते हैं। तानाशाह सुनना और समझना नहीं चाहते और अपनी नीतियों को जबरन थोपना चाहते हैं। इसलिए लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होना चाहिए।
– मुकेश भटनागर, वैशाली नगर, भिलाई
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ध्वस्त होती लोकतांत्रिक व्यवस्था
वर्तमान समय में विभिन्न देशों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का असंतुलन चिंताजनक स्थिति का संकेत देता है। लोकतंत्र की प्रक्रिया का मखौल उड़ाना और तानाशाही स्थापित करना लोकतंत्र के लिए अच्छे परिणाम देने वाला नहीं है। यदि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का इसी तरह अपमान होता रहा तो हालात बिगड़ जाएंगे।
– बिहारी लाल बालान, लक्ष्मणगढ़, सीकर
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बढ़ रही है धार्मिक कट्टरता
आज विज्ञान का युग है। इस युग में धार्मिक कट्टरता के बंधन ढीले होने चाहिए थे , लेकिन हो उल्टा रहा है। देखने में आ रहा है कि धर्म की कट्टरता सारे विश्व में बढ़ती जा रही है। इस कारण लोकतंत्र खतरे में है। इसका ताजा उदाहरण हमने अफगानिस्तान में देखा, जहां लोकतंत्र को समाप्त कर तालिबान ने सत्ता हथिया ली।
-रमेश घायल, झिलाय, टोंक
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लोकतंत्र का अर्थ
लोकतंत्र के अर्थ होता है सबको साथ में लेकर चलने वाला तंत्र। किसी भी लोकतांत्रिक देश की सफलता का आकलन इसी से किया जाता है। वर्तमान में कई देशों में लोकतंत्र खतरे में है। कारण यह है कि सरकारें जनहित के मुद्दों को अनदेखा करती है। केवल अपने राजनीतिक हित को प्राथमिकता देती है। आमजन की बुनियादी आवश्यकता की ओर उनका ध्यान नहीं है। अगर जनता को विश्वास मे लेकर काम किए जाएं तो कोई भी लोकतंत्र खतरे मे नहीं पड़ सकता है।
-लता अग्रवाल, चित्तौडग़ढ़ ।
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खतरे में है लोकतंत्र
विश्व के विभिन्न देशों में जिस प्रकार से मानव अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, उससे तो ऐसा लगता है कि वाकई लोकतंत्र संकट में है। लोकतंत्र की मूल भावना इसलिए भी आहत हो रही है, क्योंकि विभिन्न देशों की सरकारें एक तरफा फैसला ले रही हैं। नागरिकों के अधिकारों पर पाबंदी लगा रही हंै, तानाशाही रवैया अपना रही हैं , निर्दोष जनता पर जुल्म ढा रही हैं । इससे साफ है कि लोकतंत्र आज वाकई खतरे में है। ।
-सतीश उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ कोरिया, छत्तीसगढ़
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लोकतंत्र और न्यायपालिका
विश्व के कई देशों में लोकतंत्र खतरे में हैं। अमरीका में लोकतंत्र आज भी मजबूत हैं। भारत के सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ चार जजों ने सार्वजनिक पत्रकार वार्ता में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को नहीं बचाया गया तो लोकतंत्र नाकाम हो जाएगा।
– पी. एस. बंसल, भैंसदेही, मप्र
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वाकई लोकतंत्र खतरे में है
जब कोई दल जनता को जाति धर्म के नाम पर गुमराह कर मत विभाजन करता है। जब किसी एक दल को चुनाव में बहुमत मिलता है फिर भी दूसरा दल सरकार बना लेता है। जब कोई उम्मीदवार किसी दल के नाम पर जीत हासिल कर अपने निजी स्वार्थ से दूसरे दल मे शामिल हो जाता है। जब चुनी सरकार के नेताओं को पैसे देकर सरकार को गिराया जाता है। तब यह कहना उचित है कि लोकतंत्र खतरे में है.
-एस. पी. कुमावत, भाणा, राजसमंद

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