नरेन्द्र कुमार शर्मा, मालवीय नगर, जयपुर
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अदालत करे इसका फैसला गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किला हिंसा मामले में जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता दिशा रवि का नाम आने के बाद से यह बहस चल पड़ी है कि दिशा रवि की गिरफ्तारी उचित है या अनुचित।
शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर, राजस्थान
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गिरफ्तारी का विरोध तर्कसंगत नहीं
जिस तरह कुछ लोग दिशा रवि के समर्थन में आ गए है वह तर्कसंगत नहीं लगता। पुलिस द्वारा पर्याप्त छानबीन के बाद ही उसे हिरासत में लिया गया है। प्रथम दृष्टया यह प्रतीत भी हो रहा है कि देश विरोधी तत्वों के दबाव या प्रभाव में आकर टूलकिट तैयार कर उसका प्रचार- प्रसार किया गया था। आगे कानून अपना काम करेगा। विरोध करने वालों को कानून पर भरोसा रखना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बेजा इस्तेमाल को भी उचित नहीं ठहराया जा सकता।
मणिराज सिंह चंद्रावत, लावरी, जिला मंदसौर, मप्र
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आवाज दबाने की कार्रवाई
दिशा रवि की गिरफ्तारी अनुचित ही नहीं, वरन् कानूनन गलत है। यह लोकतंत्र में उठाई आवाज को दबाने की कार्रवाई है। लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। किसान जो विगत महीनों से आंदोलनरत है, उनका समर्थन करना कोई गलत कार्य नहीं है। दिशा रवि द्वारा उनके समर्थन में ही आवाज बुलंद की गई है।
……………………………. गिरफ्तारी का विरोध अनुचित
दिशा रवि की गिरफ्तारी का विपक्षी दलों द्वारा विरोध अनुचित ही है। गिरफ्तारी आयु के आधार पर नहीं, अपितु देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण हुई है। टूलकिट में दिशा रवि की दिशा स्पष्ट हो रही है। निश्चित तौर से उचित जांच होगी। अपराध की प्रकृति के अनुसार ही सजा का प्रावधान है।
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आंदोलन को समर्थन देना गलत नहीं
जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार करना निंदनीय है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में किसी आंदोलन को समर्थन देना अपराध कैसे हो गया, यह तो संवैधानिक अधिकार है। टूलकिट की एक भी लाइन से यह सिद्ध नहीं होता कि यह अपराध है। फिर यह गिरफ्तारी किस आधार पर हुई? इस गिरफ्तारी से पूरी दुनिया में संदेश जाएगा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रोटेस्ट करना भी अपराध हो गया है।
कमलेश कुमार कुमावत, चौमूं ( जयपुर)
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देशद्रोह का मामला है यह
दिशा रवि को लेकर देश मे हड़कंप मच गया है। आरोप के मुताबिक दिशा ने जिस प्रकार किसानों को भड़काने के लिए टूलकिट बनाया वह सीधे-सीधे देशद्रोह का मामला बनता है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर समर्थन करने से नफरत का माहौल बनता है। दिशा के समर्थन में बोलने वाले नेताओं की मानसिकता भी साफ झलक रही है। जहां तक उम्र का सवाल है, देश के कानून से बढ़कर कोई नहीं है।
कांतिलाल मांडोत, सूरत
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आजादी का मतलब स्वच्छंदता नहीं
सिर्फ किताबी ज्ञान प्राप्त करके अथवा किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से जुड़कर व्यक्ति अपना संपूर्ण विकास नहीं कर सकता। धरातल पर क्या हो रहा है या क्या करना चाहिए यह ज्यादा अहम है। यह गिरफ्तारी जायज है, जो दूसरों के लिए भी सबक है। सबक यह कि हमें अपने देश की एकता अखंडता से समझौता नहीं करना।
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सोशल मीडिया का दुरुपयोग
आजकल सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक ट्विटर के उपयोग को देखकर कहा जा सकता है कि इन माध्यमों से झूठ और वैमनस्य वाली बातों का आसानी से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी है। देश विरोधी ताकतों के लिए किसान आंदोलन की आड़ में अफवाहें फैलाना अनुचित है।
नरेश कानूनगो, बेंगलूरू, कर्नाटक
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राष्ट्रविरोधी कृत्य को जगह नहीं
कोई जब देश की गरिमा पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक टिप्पणी कर अपनी लोकप्रियता बढ़ाता है तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। यदि भटकते युवा को सही दिशा देनी है तो उसकी स्वच्छंदता को नियन्त्रित करना अनिवार्य हो जाता है। वैश्विक स्तर पर देश की गरिमा को आघात करता टूलकिट निर्माण एवं प्रचार सोची-समझी रणनीति का परिणाम है। इस प्रकार की गतिविधियों को रोकना एवं इनमें संलिप्त युवाओं के मंतव्यों को सकारात्मकता की ओर उन्मुख करना नितांत आवश्यक है। गिरफ्तारी का विरोध करना अनुचित ही कहा जाएगा।
डॉ. अमित कुमार दवे, खडग़दा, सागवाड़ा
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दुनिया भर से मिल रहा समर्थन
दुनियाभर से दिशा रवि को मिलने वाला समर्थन इसका प्रमाण है कि वह जलवायु बचाने का प्रयास कर रही है। जलवायु किसान हित से जुड़ा हुआ मसला है। कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों का हक बनता है कि वो किसानों के लिए आवाज उठाकर ओजोन परत को क्षरण से बचा लें। देश को उन तमाम नेताओं पर फख्र होना चाहिए जो 21 वर्षीय दिशा रवि का खुलकर समर्थन कर रहे हैं।
कपिल पंड्या, वाया ई-मेल