दोनों पहले पक्षकारों के साथ वीडियो मीटिंग कर लें, शर्तें तय कर लें, ड्राफ्ट अनुबंध ई-मेल पर मंगवा कर अच्छे से पढ़ लें, और फिर उस भरोसेमंद व्यक्ति से कह दें कि आपकी ओर से रजिस्ट्रार के समक्ष पॉवर ऑफ अटर्नी पेश कर अनुबंध का पंजीयन करवा ले। मोहित बोला – मुझे किसी पर भरोसा नहीं है सिवाय एक मित्र के जो भारत में ही रहता है, लेकिन वह पेशे से सीए है। ऐसे में कोई चिंता की बात तो नहीं है। मैंने कहा – अभी इस काम के लिए न आना पड़े, इसके लिए किसी पर तो भरोसा करना ही होगा। किसी वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या कंपनी सेक्रेटरी के पक्ष में पॉवर ऑफ अटर्नी का सकारात्मक पहलू यह है कि ये लोग पेशेवर आचरण की आचार संहिता में बंधे होते हैं। यदि ये शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं, तो इनके विरुद्द इनकी नियामक संस्थाओं में शिकायत की जा सकती है।
मैंने मोहित को अपने भारतीय मित्र से जरूरी कागजात ब्रिटेन मंगवाने, भारतीय दूतावास जाकर मित्र के नाम पॉवर ऑफ अटर्नी बनवाने (जिसमें विशिष्ट कार्यों का स्पष्ट उल्लेख हो, जिनका निष्पादन करना है), उसे दूतावास में रजिस्टर करवा रजिस्टर्ड डाक से भेजने और भारत में भी मित्र के जरिए पंजीयन सुनिश्चित कराने के लिए कहा। मोहित ने राहत की सांस ली। अब उसे अपनी समस्या का हल मिल चुका था।