1. एक क्षण थम कर सोचें। कोई भी बड़ा निर्णय आवेग में न लें, बल्कि अपनी स्पष्ट दृष्टि से अपने विचारों और भावनाओं को समझने के लिए एक पल रुक कर सोचें।
2. आत्मनिरीक्षण करें। लंबी अवधि में स्वयं को और अपने कार्य को बेहतर बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श के लिए कुछ समय निकालें।
3. निष्कर्ष निकालने से पहले विचार करें। डेटा भी कई बार गलत हो सकता है। कभी भी जल्दबाजी में हर बात पर भरोसा न करें। सभी विकल्पों और दृष्टिकोणों पर विचार करें।
4. ध्यान करें। मात्र 5 सेकंड सांस लेने के व्यायाम से भी आपको बेहद शान्ति मिल सकती है और आपको स्पष्टता से सोचने में मदद मिल सकती है।
5. उद्देश्य पर विचार करें। हर प्रयास को दृष्टि या उद्देश्य के साथ जोड़ा जाना चाहिए। प्रक्रियाओं से ज्यादा विशिष्ट लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें। ‘माइंडफुलनेस’ एक लीडर को उसके आस-पास की दुनिया के बारे में अधिक समझ हासिल करने में मदद कर सकती है।
(लेखक आइआइएम इंदौर के निदेशक हैं)