scriptमहायज्ञ का आगाज | Lok Sabha Chunav 2019: Elections will be held in 7 phases for 543 seat | Patrika News
ओपिनियन

महायज्ञ का आगाज

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सिर्फ आयोग की ही नहीं, हर राजनीतिक दल और वोटर की भी जिम्मेदारी है। वोट जरूर करें। आपका एक वोट ही भविष्य तय करेगा।

Mar 11, 2019 / 05:36 pm

dilip chaturvedi

Lok Sabha Chunav 2019

Lok Sabha Chunav 2019

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र (भारत) में दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया (आम चुनाव) का औपचारिक शंखनाद हो गया। लोकसभा की 543 सीटों के लिए आम चुनाव सात चरणों में होंगे। 25 मार्च नामांकन का आखिरी दिन। मतदान 11, 18, 23, 29 अप्रेल तथा 6, 12 और 19 मई को होगा। परिणाम 23 मई को आएंगे। चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता पूरे देश में लागू। तबादलों, नियुक्तियों, नई योजनाओं और प्रलोभनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लग गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कुछ नए कदम भी उठाए हैं। इस बार इवीएम में उम्मीदवारों की फोटो होगी ताकि मतदाता भ्रमित न हो। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली प्रचार सामग्री से बचना होगा। सभी दस लाख मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट मशीन मौजूद रहेगी। सोशल मीडिया पर खर्च का ब्योरा प्रत्याशियों को देना होगा। नक्सलवाद प्रभावित सीटों पर एक ही दिन मतदान से अन्य चरणों के दौरान सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती में मदद मिलेगी। कुल 90 करोड़ मतदाताओं में डेढ़ करोड़ 18-19 वर्ष आयु वर्ग के होंगे, जो पहली बार लोकतंत्र के महायज्ञ में अपने वोट की आहुति देंगे।

चुनावों की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों के चयन की माथा-पच्ची शुरू हो जाएगी। अब नामांकन के लिए मात्र 15 दिन बचे हैं। विपक्षी दलों के महागठबंधन के तो प्रयास ही चल रहे हैं। इतने कम समय में दलों को राजी करना और सीटों पर गणित बैठाना अति दुष्कर होगा। भाजपा के जरूर फायदे में रहने की संभावना है। वह ज्यादातर राज्यों में गठबंधन कर चुकी है। एनडीए पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक का फायदा उठा सकती है। क्योंकि पहले तीन चरणों में आधे से अधिक यानी 303 सीटों पर मतदान हो जाएगा। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होगा। जम्मू-कश्मीर में पांच चरण में। इनमें अनंतनाग की एक सीट पर ही तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे। सुरक्षा को इसकी वजह बताया गया है।

मध्यप्रदेश समेत चार राज्यों में चार चरणों में, छत्तीसगढ़, असम में तीन चरण में, राजस्थान समेत चार राज्यों में दो चरण में तथा 22 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों मे एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। बिहार, उत्तर प्रदेश और प. बंगाल में सात दौर के चुनाव पर विपक्षी दल प्रश्न उठा सकते हैं। आयोग के एक कदम की जरूर सराहना करनी होगी कि आमजन के लिए ‘विजिल’ एप होगा जिसके जरिए चुनावी अनियमितता की सीधे शिकायत की जा सकेगी। संवेदनशील राज्यों में विशेष पर्यवेक्षक तैनात होंगे। आम चुनाव के साथ चार राज्यों आंध्रप्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं करने पर आश्चर्य जरूर हुआ। राजनीतिक दलों से उम्मीद है कि वे प्रत्याशियों के चयन में आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को दूर रखेंगे। महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देंगे और प्रचार के दौरान अत्यधिक खर्च और वोटरों को अनर्गल प्रलोभन देेने से बचेंगे। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सिर्फ आयोग की ही नहीं, प्रत्येक राजनीतिक दल और वोटर की भी जिम्मेदारी है। नई सरकार देश को नई दिशा देती है। वोट जरूर करें। आपका एक वोट ही भविष्य तय करेगा।

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