बदलाव की ओर रिलायंस-
रिलायंस ने तेल से रसायन कारोबार के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में डिमर्जर की रूपरेखा घोषित कर दी है। तेल से रसायन व्यवसाय को अलग इकाई बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था। कंपनी के तेल से रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था।
अरामको से बातचीत-
कंपनी सऊदी अरब ऑयल कंपनी (अरामको) के साथ 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए बातचीत कर रही थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण यह रुक गई थी। दोनों कंपनियों के बीच एक बार फिर बातचीत का दौर शुरू हो रहा है। कंपनी का कहना है कि अरामको को हिस्सेदारी बेचने के पीछे की वजह रिन्यूएबल एनर्जी की ओर फोकस करना है। स्वच्छ व हरित ऊर्जा विकास की दिशा में कारोबार को बढ़ा एंगे।
टिकी नजर-
निवेश की वजह 72 फीसदी ग्रोथ –
दुनिया के दो बड़े अमीर रिलायंस कंपनी के मुकेश अंबानी व टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क अक्षय ऊर्जा के उत्पादन व भंडारण के लिए बैटरी व सौर पैनल के लिए बड़ा निवेश कर रहे हैं। कोरोना महामारी के बावजूद पिछले साल इस क्षेत्र में 72 फीसदी ग्रोथ है। दोनों कंपनियों की नजर आगामी दस सालों में लाखों करोड़ रुपए के इस बाजार पर कब्जा करने की है।
नए क्षेत्रों में आगे बढऩे की योजना-
60% के करीब होगा 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार।
100% इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य है साल 2047 तक
2025 तक जापान को पीछे छोड़ भारत दुनिया का बड़ा बाजार होगा
ऐसे निवेश करेगी रिलायंस –
10,881 करोड़ प्लास्टिक रिसाइकिलिंग ।
76,193करोड़ केमिकल्स में।
1,08,820 करोड़ डिजिटल में।
1,08,820 करोड़ न्यू एनर्जी में।
1,15,563 करोड़ रिटेल में।