scriptद वाशिंगटन पोस्ट से… टेस्ला एक सामान्य कंपनी, जो दिग्गज कार कंपनियों में हो गई शामिल | Power Play: Tesla, Elon Musk and the Bat of the Century book review | Patrika News
ओपिनियन

द वाशिंगटन पोस्ट से… टेस्ला एक सामान्य कंपनी, जो दिग्गज कार कंपनियों में हो गई शामिल

पुस्तक चर्चा : ‘पावर प्ले: टेस्ला, एलन मस्क एंड द बैट ऑफ द सेंचुरी’ किताब टेस्ला पर केंद्रित है, एलन मस्क (Elon Musk) पर नहीं ।

नई दिल्लीSep 18, 2021 / 10:03 am

Patrika Desk

Power Play: Tesla, Elon Musk and the Bat of the Century book

Power Play: Tesla, Elon Musk and the Bat of the Century book

जनवरी 2011 में जब टेस्ला मोटर्स (Tesla Motors) को सार्वजनिक कम्पनी बने एक साल भी नहीं हुआ था, भर्ती विभाग में रिक एवलोस नाम का एक व्यक्ति नए कर्मचारियों को यह कहकर लुभा रहा था कि वे भविष्य की परिकल्पना करें। उस वक्त तक टेस्ला अपनी पहली कार बेचने की कोशिश कर रही थी। यह थी एक महंगी चमचमाती स्पोट्र्स कार ‘रोडस्टर’ और स्टॉक मार्केट में कम्पनी के शेयरों का भाव 25 डॉलर पर ट्रेंड कर रहा था। कम्पनी में भर्ती होने आए अभ्यर्थियों से एवलोस कहता- ‘कैसा रहे अगर हमारे शेयर 50 डॉलर के भाव छू लें?’ उसका मतलब यह पूछना था कि आपके यहां आने से आपकी मार्केट वैल्यू दो गुनी हो जाए तो कैसा रहे? एवलोस ने एक ऐसी कंपनी के लिए काम किया, जिसका इरादा एक नई लिथियम-आयन बैटरी तकनीक का उपयोग करके तेजी से सस्ती इलेक्ट्रिक कारों का बेड़ा बनाना था, जो ऑटोमोटिव उद्योग में पहले कभी सफल नहीं हुई थी।

बाहरी व भीतरी सूत्रों की मानें तो टेस्ला कम्पनी ने कई चुनौतियों का सामना किया। कभी तो यह भी लगा कि कम्पनी डूबने के कगार पर है। इसके बावजूद अगस्त 2020 के अंत तक टेस्ला के शेयरों के भाव 440 डॉलर तक पहुंच गए। इसके साथ ही टेस्ला इलेक्ट्रिक कार फर्म की कीमत जनरल मोटर्स और फोर्ड की संयुक्त कीमत से ज्यादा हो गई। छह महीने बाद टेस्ला के शेयर की कीमत 880 डॉलर का आंकड़ा छू गई और मस्क दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। लेखक टिम हिगिन्स यह बताने में सफल रहे कि कैसे यह कम्पनी मामूली सी शुरुआत के बावजूद दुनिया की सबसे बड़ी कार कम्पनियों में शुमार हो गई। इसका सीधा सा जवाब है कि कम्पनी ने नई इलेक्ट्रिक कारें बनार्इं, पहली-रोडस्टर और उसके बाद मॉडल एस, थ्री और वाई। ये सभी तेज रफ्तार वाली उत्सर्जन न करने वाली कारें थीं, लेकिन किताब से स्पष्ट है कि पूरी कहानी इतनी सी नहीं है। दरअसल, यह फर्म मस्क ने शुरू ही नहीं की। 2003 में दो उद्योगपतियों मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टर्पेनिंग ने इलेक्ट्रिक स्पोट्र्स कार बनाने वाली यह फर्म शुरू की थी। संयोगवश युवा इंजीनियर मस्क से उनकी मुलाकात हो गई, जो इंटरनेट स्टार्ट अप ‘पे पल’ चला रहे थे। मस्क ने उनकी कम्पनी में बड़ा निवेश कर बड़ा मालिकाना हक हासिल किया और टेस्ला के चेयरमैन बन गए।

हिगिन्स की किताब टेस्ला पर केंद्रित है, मस्क पर नहीं। ”पावर प्ले’ पढ़ कर समझ आता है कि मस्क और टेस्ला एक साथ कैसे एक ही ब्रांड बन गए। हिगिन्स ने हालांकि टेस्ला के पर्यावरण पर प्रभाव का ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया है। ‘पावर प्ले’ की अंतिम पंक्तियां मस्क के 20 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन प्रति वर्ष बनाने के लक्ष्य पर फोकस करती हैं। लेखक ने आशंका जताई है कि यह शायद ही संभव है। टेस्ला परिपक्व कम्पनी है। अगर कम्पनी का पहला कदम थमता है, तो अगला बढऩे के लिए उठ जाता है।
– जॉन गर्टनर, ‘द आइडिया फैक्ट्री: बेल लैब्स एंड द ग्रेट एज
ऑफ अमेरिकन इनोवेशन’ और ‘द आइस एट द एंड ऑफ द
वल्र्ड: एन एपिक जर्नी इनटु ग्रीनलैंडस बरीड पास्ट एंड अवर पेरिलस फ्यूचर’ के लेखक हैं।
(द वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत)

Home / Prime / Opinion / द वाशिंगटन पोस्ट से… टेस्ला एक सामान्य कंपनी, जो दिग्गज कार कंपनियों में हो गई शामिल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो