scriptमां-बाप की सेवा धर्म नहीं कर्तव्य है | Service to parents is no duty of religion | Patrika News

मां-बाप की सेवा धर्म नहीं कर्तव्य है

locationनई दिल्लीPublished: Jul 07, 2017 06:38:00 pm

Submitted by:

rajesh dixit

प्रतापगढ़. शहर के एरियापति में जारी भागवत कथा में शुक्रवार को पांचवें दिन 56 भोग की झांकी सजाई गई।

प्रतापगढ़

pratapgarh

प्रतापगढ़. शहर के एरियापति में जारी भागवत कथा में शुक्रवार को पांचवें दिन 56 भोग की झांकी सजाई गई। कथावाचक मूर्तिमहाराज द्वारा वाचन किया जा रहा है। किशोर छाबड़ा ने बताया कि कथा में महाराज ने गोकुल में भगवान का जन्मोत्सव, बाललीला, वत्सासुर, बकासूर, अंधासूर उद्दार, चीरहरण, वर्षा ऋतु एवं शरद ऋतु का वर्णन, रासलीला, गोवर्धनपूजा, कृष्ण का मथुरा में प्रवेश, 56 भोग की झांकी का प्रसंग विस्तार पूर्वक बताया।उन्होंने कहा कि जो व्यकि परमात्मा की शरण में जाता है, वो तर जाता है। क्रोध आने पर वो जगह छोड़ देनी चाहिए। एक पल का क्रोध पूरे जीवन को विनाश कर देता है। छटे दिन की कथा में कृष्ण रुकमणी संवाद व विवाह, कंश वध, बलराम का व्रतगमन, सुदामा चरित्र पर कथा को विस्तार पूर्वक सुनाया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो