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रुपर्ट मर्डोक के देश में भ्रामक जानकारियों के खिलाफ रुख

Published: Aug 10, 2021 01:19:08 pm

Submitted by:

Patrika Desk

विश्व परिदृश्य: ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग नियामक के रवैये की आलोचना

social media responsibility : सोशल मीडिया कंपनियों की चुप्पी

social media responsibility : सोशल मीडिया कंपनियों की चुप्पी

– रिचर्ड ग्लवर, एबीसी रेडियो सिडनी पर ‘ड्राइव’ शो के प्रस्तोता

क्या दुनिया भर के मनोरंजक वीडियो और कई तरह के टिप्स सिखाने वाले वीडियो का भंडार यूट्यूब चैनल ऑस्ट्रेलिया के आधिकारिक मीडिया नियामक से ज्यादा सख्त तरीके से मीडिया मानदंडों का पालन करता है? यह सवाल तब उठा जब यूट्यूब ने स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया। स्काई न्यूज मीडिया सम्राट रुपर्ट मर्डोक के न्यूज कॉर्प का चैनल है। हालांकि यूट्यूब ने गलत कार्यक्रमों को चिह्नित करने से इनकार कर दिया, लेकिन इसने हाइड्रोक्लोरोक्विन और आइवरमैक्टिन को कोविड-19 का इलाज बताने वाले वीडियो की एक सीरीज डिलीट कर दी।
यूट्यूब की ओर से की गई त्वरित कार्यवाही ऑस्ट्रेलिया के ब्रॉडकास्टिंग रेगुलेटर ‘द ऑस्ट्रेलियन कम्यूनिकेशन्स एंड मीडिया अथॉरिटी (एसीएमए) के दृष्टिकोण के विपरीत है। आलोचकों का मानना है कि ब्रॉडकास्ट नियम लागू करने वाले नियामक की शक्तियां या तो कम हैं या अक्सर उन्हें लागू नहीं किया जाता। ऑस्ट्रेलिया में मीडिया स्वनियमन संबंधी नियमों का पालन करता है। इसके तहत शिकायतें पहले ब्रॉडकास्टर के पास पहुंचनी चाहिए। उसे 60 दिन में इनका जवाब देना होता है। नागरिक यदि जवाब से संतुष्ट न हों तो वह नियामक को शिकायत कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में स्काई न्यूज विवादास्पद होता जा रहा है। इसके कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दक्षिणपंथी समूहों और वेबसाइट्स को आकर्षित करने वाले होते हैं। आलोचकों का कहना है कि मर्डोक ऑस्ट्रेलियाई राजनीति को दक्षिणपंथी मार्ग पर चलाना चाहते हैं, जैसा अमरीकी नेटवर्क फॉक्स न्यूज कर रहा है। मर्डोक अपनी जन्मभूमि ऑस्ट्रेलिया में विवादास्पद ही रहे हैं। हालांकि उन्होंने अमरीका में मीडिया साम्राज्य खड़ा करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता त्याग दी लेकिन ऑस्ट्रेलिया की प्रतिदिन न्यूजपेपर बिक्री में दो-तिहाई पर उनके ही मास्टहैड छाए हुए हैं। परस्पर विपक्षी धड़ों के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों ने हाल ही रुपर्ट मर्डोक के प्रभाव के खिलाफ प्रचार किया।
पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड (लेबर पार्टी) ने आरोप लगाया कि मर्डोक अपने प्रभाव का इस्तेमाल विपरीत विचारधारा वालों को चुप करने के लिए करते हैं। याचिका पर पांच लाख से अधिक हस्ताक्षर आए। हस्ताक्षरकर्ताओं में एक और पूर्व प्रधानमंत्री लिबरल राजनेता मैल्कॉम टर्नबुल भी शामिल हैं। सीनेट की एक जांच के दौरान उन्होंने मर्डोक की कंपनी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा था कि मर्डोक उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाना चाहते थे। याचिका और उसके लिए बनाई गई सीनेट कमेटी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में मर्डोक के प्रभाव में कमी नहीं आई। परन्तु क्या कोविड-19 उन लोगों के हाथ मजबूत कर सका जिनका मानना है कि मीडिया मानदंडों और स्वामित्व विविधता के लिए और काम करना होगा। ऑस्ट्रेलिया जहां पहले कोविड-19 पर नियंत्रण में सफल रहा, वहीं अब यह वायरस के डेल्टा वेरिएंट के गंभीर संक्रमण संकट से जूझ रहा है, खास तौर पर सिडनी में। विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर वैक्सीन व्यवस्था ने देश को इस संकट में डाला।
कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे का एक सकारात्मक पक्ष यह है कि भ्रामक जानकारियां फैलाने वालों के खिलाफ आवाज उठने लगी है, सहनशीलता वाला रवैया घटा है। इस बीच, एसीएमए की सीनेट कमेटी की चेयरपर्सन हैन्सन यंग ने यूट्यूब और स्काई न्यूज को एसीएमए के समक्ष उपस्थित होने को कहा है। उनका सीधा-सा सवाल होगा – ‘यदि भ्रामक जानकारियां इंटरनेट पर प्रसारित नहीं की जा सकती हैं तो फिर टीवी पर कैसे और क्यों दिखाई जा रही हैं?’
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